देश के उत्तर और इससे सटे मध्य भारत के भागों में आज लगातार दूसरे दिन घना कोहरा छाया रहा। इससे पहले देश के उत्तरी और मध्य भागों में 30 नवंबर को सबसे व्यापक रुप में कोहरा देखने को मिला। लगातार दूसरे दिन दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में घने कोहरे की चादर तनी रही, जिससे लोगों ने सर्दी के आगमन का भी अनुभव किया। घने कोहरे के प्रभाव से इन सभी भागों में सड़क, हवाई और रेल मार्गों पर यातायात व्यापक रूप में प्रभावित हुआ है।
मीडिया खबरों के अनुसार बेहद कम दृश्यता के चलते दिल्ली हवाई अड्डे पर तात्कालिक रुप से कुछ समय के लिए हवाई परिचालन बंद कर दिया गया। दिल्ली के ही इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ानों के समय में परिवर्तन किया गया। आने वाली उड़ानों में भी देरी रही। हालांकि कुछ समय पश्चात ही स्थिति में सुधार हो गया और सेवाएं फिर से अपने नियमित समय पर चलने लगीं।
उत्तर रेलवे के मुताबिक दिल्ली आने वाली लगभग 50 रेलगाड़ियां देरी से चली। इसके अलावा सड़कों पर घने कोहरे के प्रभाव की बात करें तो यमुना एक्सप्रेसवे, नोएडा में लगभग 12 वाहन आपस में टकरा गए। इन दुर्घटनाओं में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि 10 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
पालम हवाई अड्डे पर बेहद घना कोहरा रहा। इसके अलावा अमृतसर और लखनऊ में भी घने कोहरे का प्रभाव सुबह के समय देखा गया। दिल्ली में आज सुबह 4:30 से 9:30 के बीच दृश्यता शून्य के स्तर पर बनी रही। अमृतसर में सुबह 7:30 बजे से 10:00 बजे के बीच और लखनऊ में मध्य रात्रि के बाद 2:00 बजे से 8:00 बजे के बीच शून्य दृश्यता रही।
दिसम्बर के पहले दिन दिल्ली और गुड़गांव में न्यूनतम तापमान 11.9 डिग्री सेल्सियस, फरीदाबाद में 11.5 डिग्री सेल्सियस, अमृतसर में 9 डिग्री सेल्सियस, चंडीगढ़ में 13 डिग्री सेल्सियस, जालंधर में 8.5 डिग्री सेल्सियस और लुधियाना में 10.1 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड किया गया। स्काइमेट के अनुसार कोहरे की स्थिति में कल सुधार रहेगा और अगले 24 घंटों के बाद यानी 3 दिसंबर को इसमें व्यापक कमी देखने को मिलेगी। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि उत्तर से आने वाली उत्तर-पश्चिमी ठंडी और शुष्क हवाओं का प्रभाव बढ़ जाएगा।
उत्तर-पश्चिमी शुष्क हवाओं के बढ़ने से शुक्रवार को दृश्यता में बीते 2 दिनों के मुकाबले सुधार देखने को मिलेगा। ठंडी हवाओं के प्रभाव से अगले 24 घंटों के बाद न्यूनतम और अधिकतम तापमान में भी गिरावट आने की संभावना है। 24 घंटों के बाद कोहरा काफी कम हो जाएगा। हालांकि पश्चिमी हिमालयी भागों में भारी बर्फबारी अभी तक नहीं हुई है। इसी वजह से उत्तर और पश्चिम से आने वाली यह हवाएं अपेक्षाकृत कम ठंडी रहेंगी। यही वजह है कि उत्तर भारत के मैदानी इलाकों और मध्य भारत के उत्तरी भागों में सर्दी का प्रभाव अभी भी काफी कम है।
Image credit: The New Indian Express
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