दिल्ली में हर वर्ष की तरह इस बार भी नवंबर की शुरुआत से ही प्रदूषण परेशान कर रहा है। आंकड़ों के अनुसार 7 नवंबर से दिल्ली, नोएडा, गाज़ियाबाद, फ़रीदाबाद, गुरुग्राम सहित आसपास के भागों में अधिकांश समय वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में रही। दिवाली पर प्रदूषण में बेतहासा वृद्धि हुई थी। हालांकि दिवाली बीतने के बाद भी प्रदूषण से कोई बड़ी राहत नहीं मिली बल्कि छोटे अंतराल को छोड़कर बाकी समय यह ख़तरनाक श्रेणी में ही बना रहा।
दिल्ली में पिछले कुछ सालों से सर्दी के साथ प्रदूषण भी आता है। लेकिन हर बार दिसम्बर के दूसरे पखवाड़े से इसमें काफी कमी आने लगती है जबकि इस बार दिसम्बर का आखिरी एक सप्ताह बचा है और इसमें कमी आती नहीं दिख रही है। बीते रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 के करीब पहुँच गया था। बुधवार को भी सूचकांक 370 के आसपास रहा। पीएम 10 दिल्ली विश्वविद्यालय के पास 437 रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा दिल्ली के बाकी हिस्सों समेत नोएडा और गाज़ियाबाद में पीएम 2.5 और पीएम 10 दोनों 400 के आसपास रहे।
लंबे समय से प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर बने रहने के कारण यह आशंका जताई जा रही है कि वर्ष 2018 को अब तक के सबसे प्रदूषित वर्ष के रूप में याद किया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि साल दर साल बढ़ते प्रदूषण को अगर गंभीरता से नहीं लिया गया और कड़े कदम नहीं उठाए गए तो हर नया साल नए रिकॉर्ड बनाएगा और दिल्ली में जीवन के लिए संकट पैदा हो जाएगा।
ऑड-ईवन फॉर्मूला
इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली सरकार फिर से ऑड-ईवन का फैसला ले सकती है ताकि सड़कों पर आधी संख्या में गाडियाँ निकलें और प्रदूषण में कमी आए। उन्होंने ऑड-ईवन फॉर्मूले को सफल बनाने के लिए दिल्ली के लोगों से सहयोग की अपील की है। मुख्यमंत्री ने प्रदूषण को कम करने में पड़ोस की राज्य सरकारों से मदद लेने की बात भी कही है।
जल्द मिलेगी राहत
प्रदूषण से राहत मौसम में दो बदलाव ही दिलाते हैं। एक है तेज़ उत्तर-पश्चिमी शुष्क हवाएँ और दूसरी है अच्छी बारिश। इस समय बारिश की संभावना फिलहाल नहीं है लेकिन अच्छी खबर यह है कि हवा की रफ्तार बढ़ने वाली है। जिससे प्रदूषण रूपी राक्षस कमजोर होगा। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार दिल्ली और आसपास के भागों में अगले 3-4 दिनों के दौरान हवा की रफ्तार तेज़ होगी। यह हवाएँ उत्तर-पश्चिमी दिशा से आएँगी जिससे वातावरण में मौजूद प्रदूषण के कण कुछ हद तक साफ़ होंगे। इससे उम्मीद कर सकते हैं कि दिल्ली-एनसीआर के लोग भी नए साल का जश्न वर्तमान के मुक़ाबले साफ़ हवा में मना सकेंगे।
Image credit: The Wire
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