राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस साल सामान्य से काफी अधिक बारिश रिकॉर्ड की जा रही है। यही वजह है कि तापमान अब तक सामान्य से नीचे चल रहा है। यानि गर्मी का अब तक असली रंग देखने को नहीं मिला है। आपको बता दें कि 1 मार्च से 31 मई के बीच होने वाली मौसमी गतिविधियों को प्री मॉनसून की गतिविधियां माना जाता है। इस प्री-मॉनसून सीजन में 1 मार्च से लेकर 7 अप्रैल तक दिल्ली में सामान्य से 324% ज्यादा वर्षा रिकॉर्ड की गई है, जो 70.3 मिमी है। जबकि इन 37 दिनों में औसतन 16.6 मिलीमीटर बारिश आमतौर पर होती है।
पिछले 24 घंटों के दौरान भी तेज हवाओं और बादलों की गर्जना के साथ हल्की वर्षा दर्ज की गई। लेकिन देश की राजधानी और इससे सटे शहरों नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद और फरीदाबाद समेत आसपास के भागों में अब अगले कुछ दिनों तक मौसम पूरी तरह से साफ रहेगा। बारिश की संभावना ना के बराबर है।
यह उल्लेखनीय है कि अप्रैल महीने में दिल्ली-एनसीआर में तापमान तेजी से बढ़ता है और 15 से 20 अप्रैल तक 38 डिग्री के ऊपर पहुंच जाता है। आने वाले दिनों में शुष्क मौसम के चलते अनुमान यह है कि तापमान 15 से 20 अप्रैल तक बढ़ते हुए 40 डिग्री के आसपास पहुंच जाएगा।
इस बीच मौसम साफ होने और देशभर में जारी लॉक डाउन के चलते दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पूरी तरह से साफ हो गया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद उत्तम अवस्था में पहुंचा है। हालांकि दिल्ली एनसीआर में आज ओवरऑल एक्यूआई 88 पहुंच गया। वायु गुणवत्ता सूचकांक में कुछ गिरावट आई। इसकी वजह हवा में बढ़ी नमी को माना जा सकता है।
फिलहाल जिस पश्चिमी विक्षोभ के चलते बीते 24 घंटों के दौरान उत्तर भारत के मैदानी इलाकों समेत दिल्ली में भी बारिश हुई थी वह अब आगे जा रहा है। इस बीच एक नया और प्रभावी पश्चिम विक्षोभ उत्तर भारत में कश्मीर के पास पहुंचने वाला है। लेकिन इस सिस्टम का प्रभाव दिल्ली में नहीं दिखेगा, इससे अब दिल्ली में बारिश की संभावना बहुत कम है। हालांकि अगले दो-तीन दिनों के दौरान बादलों का आना-जाना लगा रहेगा। इस दौरान मध्यम से तेज हवाएं चलेंगी जिससे हम उम्मीद कर सकते हैं कि वायु गुणवत्ता सूचकांक काफी बेहतर रहेगा।
Image credit: Temple Viater
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