दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सितम्बर की शुरुआत से वापसी की राह पर निकाल पड़ता है। हालांकि इस बार अभी तक इसकी वापसी की पुष्टि नहीं हुई है। इस बीच दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में बीते कई दिनों से शुष्क मौसम का दौर जारी है। इन भागों में मॉनसून की लौटने से पहले अच्छी मॉनसूनी बारिश के एक दौर की अपेक्षा बनी हुई है। वर्तमान मौसमी परिदृश्य यह संकेत तो फिलहाल नहीं दे रहा कि आने वाले दिनों में जल्द ही यहाँ अच्छी बारिश देखने को मिलेगी। लेकिन मौसम विशेषज्ञों की मानें तो दिल्ली और इसके आसपास के भागों में 13 या 14 सितम्बर को या उसके 24 घंटों के बाद हल्की बारिश की गतिविधियां देखने को मिलें।
इस समय देश के पूर्वी तटों के करीब के साथ-साथ पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में मॉनसून की सक्रियता बनी हुई है। और इन्हीं भागों में बारिश हो रही है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार पूर्व से आने वाली हवाएँ ही दिल्ली सहित उत्तर भारत के भागों में आर्द्रता लाएँगी जिससे कुछ बारिश दर्ज किए जाने की संभावना है। पूर्वी आर्द्र हवाओं के अलावा इसी दौरान एक पश्चिमी विक्षोभ भी उत्तर भारत के करीब आ रहा है। यह सिस्टम अभी अफगानिस्तान से भी पीछे है लेकिन 14 सितंबर के आसपास जम्मू-कश्मीर के पास पहुँचने की उम्मीद है।
पूर्वी नम हवाओं और पश्चिम से आने वाले पश्चिमी विक्षोभ के संयुक्त प्रभाव से उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में कुछ मौसमी गतिविधियों की अपेक्षा की जा रही है। स्काइमेट के अनुसार अगले 48 घंटों के बाद यानि 12 सितम्बर की शाम या रात से दिल्ली सहित उत्तर-पश्चिम भारत के वातावरण में नमी बढ़ जाएगी। धीरे-धीरे बादल भी दिखने लगेंगे। वर्तमान मौसमी परिदृश्यों का आंकलन यह कहता है कि यदि पूर्वी हवाओं और पश्चिमी विक्षोभ का सही समय पर प्रभाव दिखा तो मैदानी इलाकों में 14 सितंबर से 16 सितंबर के बीच कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा देखने को मिलेगी।
इस बीच वर्तमान में दिल्ली के लोग सुबह और रात के समय शुष्क और सुहावनी हवाओं के बीच खुशनुमा मौसम का आनंद उठा रहे हैं। हालांकि दिन में तेज़ धूप के चलते गर्मी परेशान कर रही है। अगले 48 घंटों के बाद जैसे ही पूर्वी आर्द्र हवाओं का प्रवाह इन भागों में बढ़ेगा, उमस बढ़ जाएगी जो मौसम को असहज बना देगी। साथ ही सुबह और रात का सुहावना मौसम भी 12 सितंबर से अगले एक हफ्ते के लिए उमस भरे मौसम में बदल जाएगा।
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