मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इस साल गर्मी पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ सकती है। इसकी आहट देश के अधिकांश हिस्सों में बीच-बीच में पहले से ही महसूस की जाने लगी है। राजधानी दिल्ली में फरवरी के अंत में तापमान व्यापक रूप से ऊपर गया और बेतहासा तथा बेमौसम गर्मी ने लोगों को परेशान कर दिया। मार्च के शुरुआती दिनों में उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में हुई अच्छी वर्षा और बर्फबारी के चलते राजधानी दिल्ली के लोगों को राहत मिली।
होली के पहले दिल्ली और आसपास के शहरों में 8 से 12 मार्च के बीच कहीं-कहीं गरज के साथ बारिश दर्ज की गई। कुछ भागों में ओले भी लोगों को देखने को मिले। इसी दौरान उत्तर के पहाड़ों पर अच्छी बर्फबारी हो रही थी। इन गतिविधियों के प्रभावस्वरूप दिल्ली में उत्तर-पश्चिमी हवाएँ जब पहुंची तो पारा फिर से काफी नीचे गिर गया। होली के दिन दिल्ली में न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया जिससे राजधानी में लोगों ने कहा कि होली पर इतनी ठंडक तो कभी नहीं देखी।
राजधानी में मेघगर्जना और आँधी के आसार
इस समय एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर से पूर्वी दिशा में निकल रहा है। इसके प्रभाव से मैदानी इलाकों में उत्तर-पूर्वी राजस्थान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इस सिस्टम से एक ट्रफ रेखा पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक है। इसके अलावा दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों पर मौसमी स्थितियाँ स्थिर नहीं हैं साथ ही दिन के तापमान में अचानक वृद्धि देखने को मिल रही है। ऐसे में कन्वेक्टिव क्लाउड यानि ऐसे बादल जो अधिक समय तक नहीं टिकते लेकिन मौसम को तेज़ी से बदल देते हैं, के विकसित होने की संभावना है।
हमारा अनुमान है कि दिल्ली में शनिवार की दोपहर के बाद और शाम के समय धूल भरी आँधी चलने तथा बादलों की गर्जना होने की संभावना है। यह बदलाव राजस्थान से शुरू होगा और दिल्ली तक ऐसा ही मौसम देखने को मिल सकता है। तापमान अधिक होने की स्थिति में आर्द्रता बढ़ने पर क्युमुलोनिंबस बादल बनते हैं जिनकी ऊंचाई अधिक होती है।
मौसमी परिदृश्य क्युमुलोनिंबस बादल विकसित होने के लिए अनुकूल दिखाई दे रहा है। हमारा अनुमान है कि शानिवार को दिल्ली तथा आसपास के शहरों में धूलभरी आँधी और बादलों की गर्जना देखने को मिलेगी। रविवार को कुछ स्थानों पर गरज के साथ हल्की वर्षा के भी आसार हैं।
Image credit: The Indian Express
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