दिल्ली में इस वर्ष कड़ाके की ठंड का लंबा दौर भले ही देखने को नहीं मिला लेकिन जनवरी की शुरुआत से तापमान में व्यापक गिरावट का सिलसिला शुरू हुआ और बाद में ठंड ने राजधानी में अपना प्रभाव कुछ समय के लिए अवश्य दिखाया। दिल्ली वालों को 10 जनवरी से 22 जनवरी के बीच कड़ाके की ठंड का दौर देखने को मिला। इस दौरान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में न्यूनतम तापमान 3 से 7 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा।
उसके बाद से उत्तर भारत में आने वाले पश्चिमी विक्षोभों का सिलसिला शुरू हुआ। इन सक्रिय सिस्टमों के चलते उत्तर भारत के मैदानी भागों में तापमान प्रभावित होते रहे और उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी रहा। उत्तर से आने वाली बर्फीली हवाओं की रफ्तार में ब्रेक लगने और दक्षिण-पश्चिमी या दक्षिणी-पूर्वी हवाओं का प्रभाव बढ़ने के चलते बीच-बीच में तापमान ऊपर जाता रहा। ऐसी स्थिति में दिल्ली और आसपास के शहरों में पारा कई बार आश्चर्यजनक रूप से बढ़ जाता है जिससे सर्दी लगभग गायब सी हो जाती है।
इस समय दिल्ली और एनसीआर में न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर है। सोमवार को न्यूनतम तापमान 9.5 डिग्री रहा जबकि रविवार को दिन का तापमान सामान्य से 1 डिग्री नीचे 21.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। फिलहाल एक नया पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी भागों के करीब है। यह सिस्टम कमजोर है और कल तक आगे निकल जाएगा जिससे अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली और आसपास के शहरों में पारा फिर से 2-3 डिग्री नीचे जा सकता है।
हालांकि यह गिरावट मध्य जनवरी में तापमान में आई गिरावट जैसी नहीं होगी। कह सकते हैं कि कड़ाके की ठंड की वापसी के संकेत फिलहाल नहीं हैं लेकिन फरवरी के दूसरे सप्ताह तक सामान्य सर्दी जारी रह सकती है। इस दौरान पश्चिमी विक्षोभ के आने पर पारा बढ़ेगा जबकि उसके आगे निकल जाने के बाद फिर से तापमान में गिरावट होगी और यही सिलसिला फरवरी के मध्य तक बना रहेगा।
इस बीच हवाओं की गति में कमी के चलते दिल्ली और आसपास के शहरों में सोमवार की सुबह कई जगहों पर घना कोहरा छाया रहा। अगले 48 घंटों के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में मौसम में विशेष बदलाव नहीं होगा जिससे अगले 2 दिनों के दौरान कोहरा छाने के लिए स्थितियाँ अनुकूल हैं।
Image credit: Skymetweather
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