दिल्ली और आसपास के शहरों में बृहस्पतिवार को तापमान में और गिरावट के साथ हाड़ कंपाने वाली ठंड जारी रही। राजधानी में आज सुबह न्यूनतम तापमान 3.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। यह इस सीजन का सबसे कम न्यूनतम तापमान है। न्यूनतम तापमान के सामान्य से 4 डिग्री सेल्सियस नीचे जाने के चलते राष्ट्रीय राजधानी में शीतलहर जैसे हालत बन गए हैं।
इससे पहले बुधवार को दिन में खिली धूप के बावजूद बर्फीली हवाओं ने राहत का मौका नहीं दिया और दिन में भी मौसम असहज रूप से ठंडा ही बना रहा। शाम के समय धूप का प्रभाव कम होने और उत्तर से आ रही बर्फीली हवाओं का प्रभाव बढ़ने के साथ ही तापमान में व्यापक कमी दर्ज की गई।
अगले 24 घंटों तक इस भीषण सर्दी से दिल्ली के लोगों को फिलहाल राहत मिलने के आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं क्योंकि शुक्रवार को भी न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेलिसयस के आसपास रहने के आसार हैं। यह अलग बात है कि दिन में तेज़ खिली धूप जारी रहेगी।
जैसा कि स्काइमेट पहले से ही बता रहा है, वर्तमान मौसमी परिदृश्य के लिए मुख्य तौर पर उत्तर-पश्चिमी शुष्क और ठंडी हवाएँ जिम्मेदार हैं। जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों पर हुई भारी बर्फबारी के बाद बर्फ की चादर में ढंके पहाड़ों से आ रही इन सर्द हवाओं के प्रवाह में कोई व्यवधान नहीं है जिससे फिलहाल राहत के संकेत दिखाई नहीं दे रहे हैं।
उत्तर और उत्तर-पश्चिमी दिशा से दिल्ली सहित मैदानी राज्यों में पहुँच रही यह हवाएँ शुष्क हैं जिससे वातावरण में नमी भी कम हो गई है। ऐसी स्थिति भी तापमान में गिरावट के लिए अनुकूल मानी जाती है क्योंकि धरती की गर्मी के ऊपर जाने में कोई अवरोध नहीं होता है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि राष्ट्रीय राजधानी में अगले 24 से 48 घंटों तक मौसम में कोई विशेष बदलाव नहीं होगा। उसके पश्चात जम्मू कश्मीर को एक नया पश्चिमी विक्षोभ प्रभावित करेगा जिससे दिल्ली में आने वाली हवाओं की दिशा और गति दोनों में बदलाव से मौसम करवट लेगा।
गौरतलब है कि उत्तर भारत में इस सिस्टम के पहुँचते ही उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएँ कमजोर पड़ेंगी और इसकी जगह लेंगी दक्षिण-पूर्वी गर्म और आर्द्र हवाएँ। इससे दिल्ली में न्यूनतम तापमान में व्यापक बढ़ोत्तरी होगी और कड़ाके की ठंड से राहत मिलेगी। फिलहाल अगले 48 घंटों तक दिल्ली वालों को इस जमा देने वाली ठंड से मुक़ाबले के लिए तैयार रहना होगा।
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