राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 26 मई इस सीजन का सबसे गर्म दिन रहा। दिल्ली के पालम में अधिकतम तापमान 47.6 डिग्री और सफदरजंग में 46 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। राजधानी के साथ एनसीआर में लंबे समय से गर्मी बढ़ती ही जा रही है। तकरीबन एक सप्ताह से दिल्ली के पालम में अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास रिकॉर्ड किया जा रहा है जबकि सफदरजंग में 44 डिग्री सेल्सियस के करीब पारा रिकॉर्ड किया जा रहा है।
26 मई 2020 इस सीजन का दिल्ली सबसे गर्म दिन रहा, जब पालम में अधिकतम तापमान बढ़ते हुए 47.6 डिग्री सेल्सियस के स्तर पर पहुंच गया जो पिछले 10 वर्षों में सर्वाधिक है। इससे पहले साल 2010 में तापमान इस स्तर पर पहुंचा था। पालम में 2010 में 18 मई को 47.6 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया था। इसके अलावा पालम में सर्वाधिक गर्मी का रिकॉर्ड 1998 में 26 मई के दिन दर्ज हुआ जब तापमान 48.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
2020 में 26 मई को सफदरजंग में 46 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया जो बीते 10 सालों में सबसे अधिक है। सफदरजंग में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ी थी 1944 में 29 मई को जब तापमान 47.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। लंबे समय से शुष्क मौसम और पाकिस्तान के बलूचिस्तान तथा सिंध प्रांतों से होकर राजस्थान की गर्मी लिए जो हवाएं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक पहुंच रही है उनका असर बढ़ते तापमान के रूप में देखने को मिल रहा है।
लंबे समय से साफ आसमान के कारण धूप का पूरा प्रभाव नीचे ज़मीन की सतह तक पहुंच रहा है। धूप और धरती के बीच प्रदूषण या बादलों का कोई व्यवधान या बाधा नहीं है यही कारण है कि तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 27 और 28 मई को भी इस गर्मी से राहत मिलने की संभावना नहीं है, क्योंकि इससे पहले कोई मौसमी सिस्टम उत्तर भारत को प्रभावित करता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। हालांकि 28 मई की रात को एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में आने वाला है जिसके चलते 28 मई की रात से दिल्ली एनसीआर पर भी आंशिक बादल आ सकते हैं। लेकिन बारिश की संभावना 29 मई से दिखाई दे रही है। अनुमान है कि 29 से 31 मई के बीच है बादल आते जाते रहेंगे और कुछ स्थानों पर रुक-रुक कर बारिश होती जिससे तापमान में गिरावट होगी और गर्मी के प्रकोप से लोगों को राहत मिलेगी।
Image credit: DownToEarth
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