दिल्ली के सफदरजंग मौसम केंद्र ने 17 जनवरी को अधिकतम तापमान 15.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 2020-21 के सर्दी के मौसम का अब तक का दूसरा सबसे कम तापमान है। सामान्य से 5 डिग्री सेल्सियस कम अधिकतम तापमान के कारण कोल्ड डे की स्थिति बनी रही। इसी तरह पालम और लोधी रोड मौसम केन्द्रों पर दिन का तापमान सामान्य से 6-7 डिग्री सेल्सियस कम क्रमशः 14.3 डिग्री सेल्सियस और 14.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इससे पहले, 17 दिसम्बर, 2020 को सफदरजंग में 15.2°C अधिकतम तापमान दर्ज किया गया था। इससे उलट पालम अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर स्थित मौसम केंद्र ने इस सीजन में 10 कोल्ड डे यानि ठंडे दिन रहे जो दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में एक रिकॉर्ड है।
उत्तर भारत के पहाड़ों पर व्यापक बर्फबारी के बाद लगातार चलने वाली बर्फीली उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी हवाओं ने राष्ट्रीय राजधानी सहित समूचे उत्तर भारत को प्रभावित किया जिसके चलते इतनी कड़ाके की ठंडक का सामना लोगों को करना पड़ रहा है। इसके अलावा बारिश के बाद हवाओं में मौजूद नमी के कारण उत्तर-पश्चिम भारत और गंगा के मैदानी इलाकों पर छाए घने कोहरे के चलते भी बढ़ने नहीं पा रहा है क्योंकि धूप का असर ज़मीन की निचली सतह तक नहीं पहुँच पा रहा है। घने कोहरे ने रेल, सड़क और हवाई यातायात को प्रभावित किया है।
इस बीच एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत की तरफ आ रहा है। यह सिस्टम 22 जनवरी को जम्मू कश्मीर के करीब पहुँच जाएगा और इसका प्रभाव 24-25 जनवरी तक उत्तर भारत में दिखाई देगा। इसके साथ ही मैदानी भागों पर एक सर्कुलेशन भी बनेगा जिससे उत्तर भारत के पहाड़ों पर फिर से व्यापक बारिश और हिमपात की गतिविधियां देखने को मिलेंगी। पंजाब और हरियाणा में भी कुछ स्थानों पर बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है।
दिल्ली में बारिश की संभावना आगामी मौसमी सिस्टमों के चलते कम ही है। हालांकि हवाओं का रुख बदलने के दिल्ली-एनसीआर के मौसम में भी कई तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। 22 से 25 जनवरी के बीच आंशिक बादल छाएंगे और तापमान बढ़ेगा। लेकिन उससे पहले 19 से 21 जनवरी के बीच हवाओं की रफ्तार तेज़ होने के कारण दिल्ली के लोगों को फिर से कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ेगा। उत्तर-पश्चिमी सर्द और शुष्क हवाओं के तेज़ होने से कोहरे में कमी आएगी।
Image credit: The Quint
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