देश की राजधानी दिल्ली में वर्ष 2020 के मार्च महीने में सामान्य से चार गुना से भी अधिक वर्षा दर्ज की गई है। आंकड़े खुद इसके प्रमाण है। दिल्ली में जहां मार्च महीने में 15.9 मिमी बारिश होती है, वहीं इस साल मार्च में 69.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। यह सामान्य से 369% अधिक है। दिल्ली और एनसीआर सहित उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में सामान्य से अधिक बारिश का कारण उन सात पश्चिमी विक्षोभों को माना जा सकता है, जो मार्च के महीने में पश्चिमी हिमालय होकर गुजरे।
मार्च महीने में उत्तर भारत में आए 7 पश्चिमी विक्षोभों में 4 सिस्टम काफी अधिक सक्रिय थे। इन्हीं सक्रिय पश्चिमी विक्षोभों ने उत्तरी मैदानी इलाकों में ओलावृष्टि और तेज हवाओं के साथ जमकर बारिश दी है। दिल्ली में भी मार्च महीने में बारिश के चार स्पेल आए थे और कई इलाकों में बारिश रिकॉर्ड की गई। मार्च के आखिर में भी एक पश्चिमी विक्षोभ आया, जो इस समय जम्मू कश्मीर के पूरब में और लद्दाख पर पहुँच गया है। इसके चलते पिछले 24 घंटों के दौरान दिल्ली और एनसीआर में छिटपुट बारिश हुई है।
अप्रैल में बढ़ेगा तापमान
प्री-मॉनसून सीजन का एक महीना बीत गया है। अप्रैल का आगाज़ हो गया है। अब हम अगले एक सप्ताह तक उत्तर भारत के पहाड़ों पर किसी महत्वपूर्ण पश्चिमी विक्षोभ के आने की उम्मीद नहीं कर रहे हैं। यही वजह है कि कम से एक सप्ताह तक दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में मौसम अब लंबे समय के लिए शुष्क हो जाएगा। तेज़ धूप खिलेगी और गर्मी बढ़ जाएगी।
मार्च महीने में दिन का तापमान अधिकांश समय सामान्य से नीचे रहा था। अब इसे नियंत्रित करने वाली बारिश जल्द दिखाई नहीं दे रही है। साफ मौसम को देखते हुए उम्मीद है कि जल्द ही दिल्ली का अधिकतम तापमान 36-37 डिग्री के आसपास पहुंच जाएगा।
एक सप्ताह बाद बारिश की उम्मीद
लंबे समय के शुष्क मौसम के बाद दिल्ली-एनसीआर में 8 व 9 अप्रैल को गरज के साथ कुछ स्थानों पर बारिश के संकेत मिल रहे हैं। लेकिन बारिश की तीव्रता अधिक नहीं होगी जिससे दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के तापमान में बहुत अधिक बदलाव की उम्मीद नहीं है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अप्रैल के अंत तक दिल्ली-एनसीआर में अधिकतम तापमान अपने सामान्य स्तर या उससे भी अधिक पहुँच जाएगा। कह सकते हैं कि इस माह के आखिर तक पारा 40 डिग्री के स्तर को छू लेगा।
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