दिल्ली में मॉनसून का आगमन सामान्य से कुछ देर से 7 जुलाई को हुआ। मॉनसून के आगाज के साथ ही दिल्ली और आसपास के शहरों में रुक-रुक कर बारिश की गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। इस दौरान कहीं-कहीं भारी मॉनसूनी बौछारों ने भी भिगोया है। हालांकि दिल्ली वालों की अभी भी यह शिकायत है कि यह मॉनसूनी बारिश एक साथ सभी स्थानों पर नहीं हुई है। तथ्य भी यही हैं कि बारिश की गतिविधियां इस वर्ष के मॉनसून में अभी तक एक साथ सभी जगह देखने को नहीं मिलीं।
इस बीच बीते 2 दिनों से राजधानी में मौसम मुख्यतः शुष्क बना हुआ था। वातावरण में अधिक नमी के चलते उमस भी महसूस की जा रही थी। इस दौरान दिल्ली और आसपास के शहरों में बारिश की गतिविधियां छिटपुट जगहों पर बहुत मामूली हुईं जिससे ना तो तापमान में कोई कमी आई थी और ना ही गर्मी से कुछ राहत मिली थी। बीते 48 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास रिकॉर्ड किया गया था।
हालांकि शुक्रवार को मौसम का मिजाज तब बदला जब दोपहर से पहले बादलों का प्रभाव राजधानी और उससे सटे नोएडा तथा फ़रीदाबाद जैसे शहरों में बढ़ गया था। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बारिश लगभग 11:50 पर शुरू हुई और आधे घंटे तक जारी रही। इस दौरान पश्चिमी दिल्ली, उत्तरी दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और फ़रीदाबाद में भी हल्की से मध्यम वर्षा की गतिविधियां देखने को मिली। दक्षिणी और मध्य दिल्ली में भी अच्छी बारिश दर्ज की गई। स्काइमेट के अनुसार अगले 2-4 घंटों के दौरान इसी तरह की बारिश की संभावना बनी हुई है।
हमारा अनुमान है कि बारिश की तीव्रता में 9 और 10 जुलाई से बढ़ोत्तरी होगी। इस दौरान कई जगहों पर हल्की से मध्यम और एक-दो स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। बारिश के चलते शुक्रवार को ही तापमान में कमी दर्ज की गई, अनुमान है कि अगले 2 दिनों के दौरान भी तापमान नीचे ही रहेगा।
इस समय मॉनसून की अक्षीय रेखा उत्तरवर्ती हुई है। यह 14 जुलाई के आसपास दिल्ली के करीब यानि राष्ट्रीय राजधानी के दक्षिण में होगी। इस परिवर्तन के चलते 14 जुलाई के आसपास दिल्ली और इससे सटे शहरों में अच्छी बारिश होने के आसार हैं।
Image Credit: Saharasamay
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