सितंबर की शुरुआत में राजधानी दिल्ली वालों को मॉनसूनी बौछारों ने भिगोया था। उसके बाद से राजधानी में मुख्यतः शुष्क मौसम जारी है। तेज धूप के चलते दिन में बेमौसम गर्मी पड़ रही है। मॉनसून सीज़न के आखिरी चरण में लंबे समय तक बारिश का ना होना मॉनसून में ब्रेक की स्थिति माना जाता है। बारिश देने वाला मुख्य मौसमी सिस्टम मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय उत्तर भारत के मैदानी भागों में है लेकिन यह सक्रिय नहीं है जिसके चलते दिल्ली और इससे सटे भागों में मौसम शुष्क बना हुआ है।
वर्तमान मौसमी परिदृश्य के आंकलन के अनुसार राजधानी दिल्ली और इससे सटे शहरों में अगले 48 घंटों तक मौसम मुख्यतः शुष्क बना रहेगा। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि 20 सितंबर से दिल्ली की हवाओं में बदलाव होगा और मौसम करवट लेगा। इस समय पूर्वी मध्य प्रदेश और इससे सटे मध्य प्रदेश पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है जो धीरे-धीरे पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ेगा। इसके अलावा उत्तर भारत के मैदानी भागों से मध्य भारत तक एक ट्रफ भी विकसित होगा।
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इस बदलाव के चलते 20-21 सितंबर से दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाज़ियाबाद और फ़रीदाबाद में हल्की बारिश शुरू हो सकती है। क्रमशः यह सिस्टम पश्चिमी और उत्तरी दिशा में सक्रिय होंगे जिसके चलते राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 23 से 25 सितंबर के बीच अच्छी बारिश देखने को मिल सकती है। अनुमान है कि मॉनसून 2017 में बारिश का यह आखिरी झोंका हो सकता है। इसके बाद जल्द ही उत्तर भारत के मैदानी भागों से मॉनसून की वापसी होगी। दिल्ली में गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
आगामी बारिश का दौर निःसन्देह इस गर्मी से लोगों को व्यापक राहत दिलाएगा। तब तक गर्म और शुष्क मौसम जारी रहने का अनुमान है। सोमवार को दिल्ली के सफदरजंग में अधिकतम तापमान 36 डिग्री और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह पालम में भी 37 डिग्री तापमान के साथ भीषण गर्मी रही। न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। अगले 48 घंटों तक ऐसी ही तेज़ गर्मी जारी रहेगी।
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