राजधानी दिल्ली और आसपास के हिस्सों में मॉनसून में फिर से सुस्ती देखने को मिलेगी। दिल्ली में बारिश दे रही मॉनसून की अक्षीय रेखा अब उत्तर में हिमालय के तराई क्षेत्रों में पहुँच गई है जिसके चलते इन भागों में मॉनसून वर्षा में कमी आएगी। इससे पहले अगस्त के पहले हफ्ते तक तराई क्षेत्रों में बनी मॉनसून ट्रफ दिल्ली के दक्षिण में पहुँच गई थी जिससे 7 अगस्त से राजधानी और आसपास के हिस्सों में बारिश के लिए स्थितियाँ अनुकूल बनी हुई थीं और अच्छी बारिश दर्ज की गई।
रक्षाबंधन के दिन भारी बारिश के साथ शुरू हुआ मॉनसून वर्षा का यह दौर अब अगले कुछ समय के लिए थम जाएगा। फिलहाल पिछले 24 घंटों के दौरान दिल्ली और इससे सटे शहरों में मॉनसूनी हवाओं का प्रभाव बना रहा और कुछ स्थानों पर अच्छी वर्षा दर्ज की गई। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार बुधवार की सुबह 8:30 बजे से पिछले 24 घंटों में दिल्ली के सफदरजंग में सबसे अधिक 28 मिलीमीटर बारिश हुई। आयानगर में 24 मिमी, रिज में 15 मिमी और पालम में 2.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
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मॉनसून ट्रफ के दिल्ली के उत्तर में जाने के चलते उत्तर भारत के मैदानी भागों में मॉनसूनी हवाओं का प्रवाह अब कम हो गया है, परिणामतः दिल्ली में मौसम शुष्क हो जाएगा। मॉनसून ट्रफ इस समय पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के उत्तर से होकर उत्तर प्रदेश में बनी हुई है। अनुमान है कि इस बदलाव के चलते दिल्ली, नोएडा, गाज़ियाबाद, फ़रीदाबाद और गुरुग्राम में आर्द्र पूर्वी हवाओं का स्थान लेंगी शुष्क पश्चिमी हवाएँ। दिल्ली में गरज वाले और बारिश वाले बादलों की ताज़ा स्थिति के लिए नीचे दिये गए चित्र पर क्लिक करें।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार दिल्ली में अगले 24 से 48 घंटों के दौरान कहीं आंशिक तो कहीं घने बादल ज़रूर दिखाई देंगे लेकिन अगले 3-4 दिनों तक बारिश की संभावना नहीं है। हालांकि मॉनसून ट्रफ के दिल्ली के उत्तर में होने और वातावरण में पहले से ही अधिक नमी होने के चलते अनुमान है कि थोड़े समय के लिए हल्की वर्षा देखने को मिले। तापमान में वृद्धि के कारण दोपहर में गरज वाले बादल विकसित हो सकते हैं। इसके चलते एक-दो स्थानों पर शाम के समय हल्की वर्षा या बूँदाबाँदी दर्ज की जा सकती है।
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