स्काइमेट के अनुमानों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कल से मौसम ने करवट ले ली है। कल दिल्ली सहित नोएडा, फ़रीदाबाद और गुरुग्राम में अच्छी वर्षा दर्ज की गई। आज सुबह 8:30 बजे तक राजधानी के पालम मौसम केंद्र ने 15 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की। सफदरजंग में 4 मिलीमीटर और नरेला में 7 मिलीमीटर बारिश हुई। नरेला, आयानगर और रिज क्षेत्र में भी हल्की वर्षा देखने को मिलीं। दिल्ली से सटे गुरुग्राम और फ़रीदाबाद में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा रिकॉर्ड की गई।
हवाओं का रुख बदलने से दिल्ली और इसके आसपास के भागों में मौसमी हलचल बढ़ी है। कल दिन और रात में हुई बारिश की गतिविधियों ने राजधानी का मौसम सुहावना कर दिया है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार एक पश्चिमी विक्षोभ इस समय जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के पास है। इसके अलावा मॉनसून की अक्षीय रेखा भी मध्य प्रदेश के उत्तरी भागों से होकर गुज़र रही है।
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यह दोनों मौसमी सिस्टम दिल्ली के मौसम को प्रभावित कर रहे हैं। दिल्ली और आसपास के भागों में दक्षिण-पूर्वी आर्द्र हवाओं का प्रवाह बढ़ गया है। मौसमी सिस्टमों की यही स्थिति अगले 2-3 दिनों तक बनी रहेगी जिसके चलते दिल्ली और आसपास के शहरों में 2 सितंबर तक हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। दिल्ली और आसपास के शहरों में गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
हालांकि अगर आप उम्मीद कर रहे हैं कि इस दौरान सावन की झड़ी लग सकती है और दिल्ली के एक छोर से दूसरे छोर तक एक साथ बारिश होगी तो आप गलत हो सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि जिन सिस्टमों के चलते दिल्ली के मौसम का मिजाज़ बदला है वह दिल्ली से दूर हैं। इसलिए यह बारिश सीमित दायरे में होगी यानि कहीं बारिश हो रही होगी तो कहीं धूप भी दिखेगी। बारिश बहुत तेज़ भी नहीं होगी।
मॉनसून की अक्षीय रेखा उत्तरवर्ती होती रहेगी और 2 सितंबर के बाद यह हिमालय के तराई क्षेत्रों में पहुंचेगी जिससे 3 सितंबर से दिल्ली में बारिश कम हो जाएगी। इस बदलाव के चलते हिमालय के तराई क्षेत्रों में बारिश में वृद्धि देखने को मिलेगी जबकि मध्य भारत से लेकर उत्तर भारत के मैदानी इलाकों तक मौसम अगले कई दिनों के लिए शुष्क हो जाएगा, जिसे मॉनसून में ब्रेक की स्थिति कहा जाता है।
Image credit: Zeenews
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