दिल्ली में मौसम करवट लेने वाला है। राजधानी और आसपास के शहरों में दक्षिण-पूर्वी आर्द्र हवाएँ चलने लगी हैं। इन हवाओं को मौसम में बदलाव की आहट समझा जा सकता है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में 21 सितंबर से बादलों का प्रभाव बढ़ेगा और शाम से बादलों की गरज के साथ हल्की बौछारें देखने को मिल सकती हैं। मौसमी हलचल 22 सितंबर से बढ़ेगी और कई स्थानों पर बारिश दर्ज की जाएगी।
इस समय मध्य प्रदेश और इससे सटे छत्तीसगढ़ पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश तक एक ट्रफ भी विकसित होगा। यह दोनों सिस्टम पश्चिमी उत्तर प्रदेश और इससे सटे राष्ट्रीय राजधानी के क्षेत्र को 21 से 23 सितंबर के बीच प्रभावित करेंगे। अनुमान है दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाज़ियाबाद और फ़रीदाबाद में 22 और 23 सितंबर को अच्छी बारिश दर्ज की जाएगी। हालांकि हल्की वर्षा बृहस्पतिवार की शाम को भी देखने को मिल सकती है।
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संभावना है कि राजधानी दिल्ली और आसपास के भागों में यह आखिरी मॉनसूनी बारिश हो। 24 सितंबर से बारिश की गतिविधियां कम हो जाएंगी। हालांकि कहीं-कहीं हल्की वर्षा अगले एक-दो दिनों तक बनी रह सकती है। मॉनसून 2017 में बारिश के इस संभावित आखिरी झोंके के बाद दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी भागों से मॉनसून की वापसी होने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है। दिल्ली-एनसीआर में गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
दिल्ली में अब तक मॉनसून का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। जून से शुरू होने वाले चार माह लंबे मॉनसून के सफर में जून में राजधानी में अच्छी बारिश हुई। जुलाई और अगस्त में भी स्थिति संतोषजनक रही जबकि सितंबर के शुरुआती दो दिनों के बाद से मौसम मुख्यतः शुष्क ही बना हुआ है। फिलहाल आगामी बारिश के दौर से मॉनसून की विदाई अच्छी बारिश के साथ हो सकती है इसलिए कह सकते हैं कि अंत भला तो सब भला।
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