पिछले दो दिनों से दिल्ली का मौसम शुष्क बना हुआ है, इस वजह से तापमान में वृद्धि हुई है। स्काईमेट वेदर के मुताबिक, मानसून की अक्षीय रेखा दिल्ली के दक्षिण में परिवर्तित हो गई है, जिसके चलते राष्ट्रीय राजधानी में मौसम लगभग शुष्क हो गया है।
गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र मध्य प्रदेश पर बना हुआ है जिसकी वजह से अक्षीय रेखा नीचे चली गयी है। अब, मानसून प्रणाली कमजोर हो गई है और इस समय चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र के रूप में उत्तर-पश्चिम मध्यप्रदेश के ऊपर बना हुआ है। अब परिसंचरण जल्द ही खत्म हो जाने की उम्मीद है, जिसके कारण मानसून की अक्षीय रेखा एक बार फिर उत्तर की तरफ परिवर्तित हो जायेगी।
इस दौरान, दिल्ली एनसीआर में अलग-अलग जगहों पर 11 से 13 अगस्त के बीच बारिश होने और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। लेकिन एक बार फिर, ये बारिश लगातार नहीं होगी और इसका दायरा भी व्यापक नहीं होगा।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, बारिश कम वक़्त के लिये होगी। हालांकि इसकी वजह से अधिकतम तापमान में कमी आयेगी, जिसमे पिछले 48 घंटों के दौरान इजाफ़ा हो रहा था।
फिर भी, नमी में वृद्धि की वजह से लोगों की मुश्किलों में इजाफ़ा होगा लेकिन रात में मौसम खुशगवार रहेगा।
अगस्त का महीना का महीना दिल्ली-एनसीआर के लिए सबसे ज्यादा बारिश लेकर आता है और इस दौरान औसतन 232.5 मिमी वर्षा होती है। लेकिन 10 अगस्त तक दिल्ली में केवल 10 मिमी बारिश ही दर्ज की गयी है।
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