दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में भीषण गर्मी जारी है। कई इलाकों में लू का प्रकोप बना हुआ है। दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के चलते लू से जल्द राहत के आसार नहीं हैं। दक्षिण-पश्चिमी हवाएँ पाकिस्तान के सिंध और बलूचिस्तान होकर आ रही है जो बेहद गर्म और शुष्क हैं जिसके चलते इन भागों में तापमान में कुछ और बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार आगामी सप्ताह रहेगा बेहद गर्म।
उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में कुछ स्थानों पर अधिकतम तापमान सामान्य से काफी अधिक रिकॉर्ड किया जा रहा है जिसके चलते लू जैसे हालत बने हुए हैं। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गर्मी ने समय से पहले लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है। पंजाब के अमृतसर में अधिकतम सामान्य से 9 डिग्री अधिक 41.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। लुधियाना में 40.9 डिग्री पारा रहा। हरियाणा के गुरुग्राम में 41 डिग्री और भिवानी में 41.5 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया। दिल्ली में सामान्य से 3 डिग्री अधिक 40.5 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया।
मैदानी राज्यों में 22 अप्रैल से मिल सकती है राहत
उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों को 21 अप्रैल से एक पश्चिमी विक्षोभ प्रभावित कर सकता है। इसके प्रभाव से मैदानी इलाकों में भी एक चक्रवाती सिस्टम विकसित होने की संभावना है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि 21-23 अप्रैल को गरज के साथ हल्की बारिश होगी। पंजाब और हरियाणा में कुछ स्थानों पर जबकि दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ जगहों पर गरज तथा धूलभरी आँधी के साथ हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की जाएगी।
बारिश के चलते वर्तमान में जारी गर्मी से 21 अप्रैल से कुछ राहत मिलेगी। पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती सिस्टम के निष्प्रभावी होने के बाद मैदानी इलाकों में पहाड़ों से होकर उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएँ आएंगी जो अपने साथ अच्छी राहत ला सकती हैं। इन हवाओं के चलते 24-25 अप्रैल से तापमान में गिरावट शुरू होगी और माह के अंत तक गर्मी से राहत बनी रहेगी।
फिलहाल अगले पूरे हफ्ते इस भीषण गर्मी से मुक़ाबला करने के लिए आपको तैयार रहने की ज़रूरत है। सावधानी बरतने की ज़रूरत है। खुली धूप में कम से कम निकलें, अधिक मात्रा में पानी सहित अन्य शीतल और प्रकृतिक पेय पदार्थों का सेवन करें और बदन को कपड़ों से ढँक कर ही घर से बाहर निकलें।
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