दिल्ली सहित आसपास के भागों में पिछले कुछ वर्षों से सर्दियाँ प्रदूषण की आफत साथ लेकर आती हैं। इस बार भी अक्तूबर में आया प्रदूषण नवंबर में और प्रचंड हो गया। दिवाली पर आफत कुछ और बढ़ गई। हालांकि इस प्रदूषण से बीच-बीच में कुछ राहत बारिश के चलते मिलती रहती है। लेकिन इस बार प्रदूषण शुरू होने के बाद से बारिश नहीं हुई है जिससे प्रदूषण साफ होने का नाम नहीं ले रहा है।
पिछले 24 घंटों के दौरान दिल्ली और आसपास के शहरों में हवा में मौजूद पीएम 2.5 और पीएम 10 सहित अन्य प्रदूषण फैलाने वाले तत्व व्यापक रूप में ऊपर ही बने रहे जिससे हवा की गुणवत्ता बेहद ख़राब रही। दिल्ली में कल पीएम 2.5 405 तक पहुंचा। इसी तरह नोएडा में 445, गाज़ियाबाद में 440 और ग्रेटर नोएडा में 436 के स्तर पर रिकॉर्ड किया गया। गुरुग्राम में हालत थोड़ा बेहतर रहे और यहाँ पीएम 2.5 का स्तर 349 तक पहुंचा।
विशेषज्ञों की मानें तो हवा की गुणवत्ता में इतनी खराबी सेहत के लिए गंभीर रूप से खतरनाक है। यह स्थिति अगले 2-3 दिनों तक जस की तस बनी रहेगी क्योंकि मौसम में कोई खास बदलाव अपेक्षित नहीं है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार पहाड़ों से होकर एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ गुज़र रहे हैं जिससे तेज़ उत्तर-पश्चिमी हवाएँ यहाँ नहीं पहुँच पा रही हैं। साथ ही वातावरण में नमी अधिक है और तापमान नीचे है जिससे प्रदूषण साफ नहीं हो पा रहा है।
इस बीच एक नया और प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर के पास सोमवार को पहुंचा है। इसके चलते पहाड़ों पर अच्छी बारिश और बर्फबारी शुरू होने वाली है। पश्चिमी विक्षोभ के चलते मैदानी भागों में भी अगले 24 घंटों के बाद मौसम में कुछ बदलाव दिखाई देगा। दिल्ली-एनसीआर में 13-14 नवंबर को हल्की बारिश की उम्मीद है। लेकिन इस बारिश की तीव्रता बहुत कम होगी जिससे यह प्रदूषण को साफ करने में नाकाम होगी। लेकिन पश्चिमी विक्षोभ के आगे जाने के बाद 15 नवंबर से उत्तर-पश्चिमी मध्यम हवाएँ चलना शुरू होंगी जिससे प्रदूषण में कुछ कमी देखने को मिल सकती है।
Image credit: Quartz
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