दिल्ली-एनसीआर में अब तक मामूली बारिश के बीच मंगलवार, 22 जनवरी को भारी बारिश हुई, जिसने प्रदूषण से बहुप्रतीक्षित राहत दिलाई। भारी बारिश से हवाओं में घुले पीएम 10 और पीएम 2.5 प्रदूषक कण साफ हो गए हैं। इसके चलते बुधवार, 23 जनवरी को वायु गुणवत्ता सूचकांक पिछले चार महीनों में सबसे बेहतर स्तर पर पहुँच गया। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में भी वायु गुणवत्ता बेहतर रहेगी। कभी-कभी प्रदूषण बढ़ेगा लेकिन अब बेहद खराब श्रेणी में जाने की आशंका फिलहाल नहीं है।
बुधवार को पीएम 2.5 नोएडा और मथुरा रोड पर 200 से ऊपर दर्ज किया गया जबकि चांदनी चौक, पूसा, पीतमपुरा, लोधी रोड और एयरपोर्ट सहित अधिकांश भागों में यह 200 से नीचे रहा। इसी तरह पीएम 10 भी 150-200 के बीच बना रहा। आज दिल्ली की हवा अहमदाबाद से भी साफ नजर आ रही है। आने वाले दिनों में इसमें थोड़ा बदलाव होगा क्योंकि स्थानीय स्तर पर गाड़ियों या उद्योगों से उठने वाला धुआं और निर्माण स्थलों से उड़ने वाली धूल फिर से हवा में आएंगे जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब श्रेणी में पहुंच सकता है। हालांकि अब स्थिति भयावह होने की आशंका फिलहाल नहीं है।
दिल्ली-एनसीआर के शहर हर साल की तरह इस बार भी प्रदूषण के निशाने पर आए। विडंबना यह है कि साल दर साल प्रदूषण प्रचंड होता जा रहा है, जिससे दिल्ली-एनसीआर के लोगों का चार महीने के सर्दी के मौसम में सांस लेना दूभर होता जा रहा है। अक्टूबर-नवंबर-दिसम्बर-जनवरी के बीच हालात बद से बदतर हो जाते हैं।
आमतौर पर अक्टूबर में प्रदूषण बढ़ना शुरू होता है। धीरे-धीरे वायु गुणवत्ता खराब होती जाती है और यह सिलसिला फरवरी तक जारी रहता है। प्रदूषण से राहत उत्तर-पश्चिम से आने वाली शुष्क और तेज हवाओं के चलते मिलती है या फिर अच्छी बारिश हवा में घुले जहर को साफ कर पाती है। इस बार प्रदूषण लंबे समय तक इसलिए रहा क्योंकि बारिश ना के बराबर हुई। उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलती रहीं जिससे बीच-बीच में कुछ राहत मिली। लेकिन राहत के दिन गिनतियों के थे।
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