दिल्ली और नोएडा में लंबे समय से डेरा जमाये प्रदूषण का शुक्रवार को गंभीर रूप देखने को मिला जब अचानक हवा की गुणवत्ता में तेज़ी से गिरावट आई। धुंध के रूप में छाए इस प्रदूषण के चलते धूप का असर भी कम हो गया है और दोपहर में भी ऐसा लग रहा है जैसे धूप के प्रभाव को बादलों ने कम कर दिया है। लेकिन यह बादल नहीं हैं बल्कि प्रदूषण की चादर है जिससे वातावरण धुंधला बना हुआ है।
दिल्ली और आसपास के शहरों में इस समय हवा की रफ़्तार कम है और न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे चल रहा है जिससे सुबह और शाम के समय बढ़ती नमी के कारण प्रदूषण के स्तर में वृद्धि देखने को मिल रही है। स्काइमेट के वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ एवीएम जीपी शर्मा के मुताबिक राजस्थान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। यह अगले 48 घंटों के दौरान उत्तर-पूर्वी दिशा में आगे बढ़ते हुए दिल्ली-एनसीआर के करीब आ जाएगा।
चक्रवाती क्षेत्र के प्रभाव से हवाओं का रुख बदलकर दक्षिण-पश्चिमी हो जाएगी। दक्षिण-पश्चिम से आने वाली हवा की रफ़्तार भी तेज़ नहीं होगी जिससे वातावरण पर बने धूल के कण और गैसों का प्रदूषण कम होने वाला नहीं है। क्योंकि हवा में नमी कुछ बढ़ जाएगी। न्यूनतम तापमान में हल्की कमी देखने को मिलेगी। यह स्थितियाँ अगले 3-4 दिनों तक बनी रहेगी जिससे प्रदूषण में कुछ विशेष बदलाव की संभावना फिलहाल इस महीने की विदाई तक नहीं है।
माना जा रहा है कि नवंबर के शुरुआती दिनों में दिल्ली की आबो-हवा में कुछ शुद्धता आएगी क्योंकि 1-2 नवंबर को एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर से होकर गुज़रेगा जिसके चलते कश्मीर और हिमाचल में बारिश दर्ज की जाएगी। उसके बाद हो सकता है उत्तर-पश्चिमी हवाएँ प्रभावी हों और दिल्ली-एनसीआर तक पहुंचे जिससे प्रदूषण कुछ समय के लिए कुछ हद तक साफ हो जाए। लेकिन आगे दिवाली नज़दीक होगी जिससे फिर से प्रदूषण का प्रकोप लोगों को झेलना पड़ सकता है।
Image credit: New Indian Express
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