[Hindi] दिल्ली प्रदूषण पर विशेष: दस दुश्मन दिल्ली के

October 31, 2018 9:37 AM|

Delhi air pollution_Wall Street Journal 600

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इससे सटे लगभग सभी शहरों के ऊपर प्रदूषण की मोटी चादर तन गई है। सुबह और शाम के समय धुंध इतनी घनी हो रही है कि दृश्यता भी प्रभावित हो रही है। स्काइमेट ने दिल्ली में प्रदूषण के व्यापक रूप धरण करने की आशंका पहले ही जताई थी। स्थिति और भयावह हो सकती थी अगर हर बार की तरह ही इस बार भी पंजाब और हरियाणा में धान की पराली जलाने का काम हो रहा होता तो।

इस प्रदूषण में मौसम से लेकर मानवजनित कारण शामिल हैं। हमने इन कारणों को समझने की कोशिश की जो मुख्यतः प्रदूषण को बढ़ाते हैं। मोटे तौर पर हमने 10 ऐसे मुख्य कारणों की पहचान की है जिनसे प्रदूषण बढ़ता है और इन्हीं कारणों को दिल्ली का दुश्मन कहा जा सकता है। स्काइमेट के सीनियर मौसम विशेषज्ञ महेश पलावत के मुताबिक मौसम इस समय प्रदूषण के अनुकूल है जिससे मानव जनित कारण और प्रभावी हो रहे हैं।

दिल्ली प्रदूषण के 10 कारण:

तापमान-जब न्यूनतम तापमान कम होता है तब प्रदूषण के कण और गैसें आपस में मिलकर सघन हो जाते हैं और हवा में दिखाई देते हैं।

Cold wave in Delhi and NCR_Indiaspend 600

नमी-अधिक नमी होने पर वायु मण्डल में निचले स्तर पर एक आवरण बन जाता है जिससे प्रदूषण के कण और धुआँ हवा में निचले स्तर पर बने रहते हैं।

Delhi Pollution_The statesman 600

हवा-जब हवा की रफ़्तार कम होती है तब स्थानीय स्तर पर उठने वाला प्रदूषण नष्ट नहीं हो पाता यानि दूर नहीं जा पता और धुंध की एक चादर वायुमंडल में दिखाई देने लगती है।

Fog in Punjab Fog in Haryana Smog in Delhi 600

 

बारिश-लंबे समय से बारिश ना होने के कारण यह प्रदूषण की चादर साफ नहीं हो पाती, नतीजतन लोगों को घना प्रदूषण दिखाई देता है।

Delhi pre-Mosnoon rains_The Indian Express 600

धूप-तेज़ धूप में इतनी क्षमता होती है कि वह इस प्रदूषण की चादर को नष्ट कर दे लेकिन पिछले कुछ दिनों से धूप भी बेअसर साबित हो रही है।

Delhi warm weather_The statesman 600पराली-पंजाब और हरियाणा सहित आसपास के राज्यों में किसान खरीफ़ फसल को जलाते हैं, जिससे उठने वाला धुआँ दिल्ली और आसपास के शहरों तक पहुंचता है और प्रदूषण कई गुना बढ़ जाता है।

Crop Burning in Punjab-NewsClick

वाहन-दिल्ली में इस समय 2 करोड़ से अधिक की जनसंख्या के बीच वाहनों की संख्या एक करोड़ के आसपास पहुँच गई है। जिसमें दोपहिया से लेकर कारें, बसें और समान ढोने वाले वाहन शामिल हैं। इनसे निकलने वाला कार्बन मोनो ऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन प्रदूषण के बड़े कारण हैं। एक शोध के अनुसार हवा में मौजूद कुल कार्बन मोनो ऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड का आधा और हाइड्रोकार्बन का चौथाई वाहनों से ही निकलता है।

Vehicle-Indianexpress

फ़ैक्टरी-विद्युत उत्पादन इकाइयों सहित दिल्ली, नोएडा, गाज़ियाबाद और फ़रीदाबाद में फैक्ट्रियों से उठने वाली राख और धुएँ के कारण यह प्रदूषण और प्रचंड हो जाता है।

Factory pollution-Indian Express

लैंडफिल-दिल्ली और आसपास के इलाकों में जनसंख्या का बोझ इतना अधिक है कि कूड़े को कई स्थानों पर निपटाया जाता है। जिनमें गाज़ीपुर, ओखला, भलस्वा मुख्य लैंडफिल हैं। यहाँ जमा कूड़े का ढेर यूं ही प्रदूषण में योगदान करता है लेकिन जब मिथेन सहित अन्य गैसें उठने लगती हैं तब आग लग जाती है जिससे प्रदूषण और बढ़ जाता है।

Landfill -India Water Portal

निर्माण-सड़कों, मेट्रो और मकानों के निर्माण स्थलों से उड़ने वाली रेत और धूल के कण जब हवा में घुल जाते हैं तब पीएम 2.5 का स्तर व्यापक रूप में बढ़ जाता है और लोगों को प्रदूषण के भयावह रूप से दो-चार होना पड़ता है।

Construction Site-IndiaTimes

आज सुबह से ही पंजाबी बाग, जहांगीरपुरी, मुंडका, दिल्ली विश्वविद्यालय, आनंद विहार इलाकों के साथ-साथ गाज़ियाबाद और नोएडा में भी प्रदूषण चरम पर है। दोपहर में हवा ने कुछ रफ़्तार पकड़ी है जिससे कुछ समय के लिए राहत मिल सकती है लेकिन यह अस्थायी है। शाम होते ही फिर से प्रदूषण तेज़ हो जाएगा।

स्काइमेट का सुझाव है कि जब तक आवश्यक ना हो बाहर ना निकलें, बच्चों को स्कूल जाते समय मास्क पहनाएँ। बुज़ुर्गों और बीमार लोगों को भी विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है। घरों की खिड़कियाँ बंद रखें। कूड़ा करकट जलाने से बचें, क्योंकि आने वाले दिनों में प्रदूषण और विकराल हो सकता, जिसमें दिवाली की आतिशबाज़ी का भी योगदान होगा।

Image credits: IndiaWater, India Times, The Indian Express, The Statesman, NewsClick, IndiaSpend, Wal Street Journal

कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार:skymetweather.comअवश्य लिखें।

 

 

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