राजधानी दिल्ली और इससे सटे शहरों में प्रदूषण सर्दियों में बड़ी आफत बनकर आता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि तापमान में गिरावट होने लगती है और मॉनसून वर्षा के कारण वातावरण में नमी काफी अधिक बनी रहती है। जैसे-जैसे तापमान में कमी आती है यह नमी और सघन हो जाती है। इससे निचली सतह पर एक तरह से एक आवरण बन जाता है जिससे शहरी प्रदूषण ऊपर नहीं जा पाता।
सुबह और शाम के समय धुंध बढ़ जाती है क्योंकि इस सीज़न में सुबह और शाम के समय आमतौर पर हवा मंद होती है। इस समय जम्मू कश्मीर के पास से एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ गुज़र रहे हैं जिससे ना तो पश्चिम से तेज़ हवाएँ आ रही हैं और ना ही यह प्रदूषण साफ हो पा रहा है। आने वाले दिनों में भी पश्चिमी विक्षोभ बने रहेंगे जिससे जल्द स्थितियाँ बदलने की उम्मीद भी नहीं है।
दूसरी ओर पंजाब और हरियाणा में किसानों ने धान सहित खरीफ़ फसलों को जालना शुरू कर दिया है। फसलों से उठने वाला धुआँ भी दिल्ली सहित मैदानी राज्यों में पहुँचने लगा है। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में प्रदूषण की स्थिति और खराब हो सकती है, क्योंकि मौसम में किसी तरह का बदलाव दिखाई नहीं दे रहा है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले सप्ताह भी दिल्ली और आसपास के भागों में बारिश की संभावना नहीं है। अब प्रदूषण दिल्ली और आसपास के शहरों के लिए अगले 2-3 महीनों के लिए स्थायी समस्या बना रहेगा। इससे राहत तेज़ बारिश या तेज़ हवाएँ ही दिला सकेंगी, जिसकी जल्द कोई संभावना नहीं है।
दिल्ली सहित उत्तर भारत के राज्यों में दिन और रात के तापमान में अंतर काफी बढ़ गया है। यही कारण है कि दिन में जहां गर्मी हो रही है वहीं सुबह और रात में सर्दी शुरू हो गई है।
Image credit: DNA India
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।