दिल्ली में दिन में जहां साफ वातावरण दिखाई दे रहा है वहीं सुबह और रात में प्रदूषण काफी ऊपर पहुँच रहा है। आमतौर पर जब नमी अधिक होती है तब प्रदूषण उसमें मिलकर व्यापक रूप में प्रभावित करता है। यानी कोहरा, धुंध या कुहासा बढ़ने पर प्रदूषण भी बढ़ता है। इस समय राहत की बात है कि दिल्ली और आसपास के शहरों में उत्तर-पश्चिमी शुष्क हवाएं चल रही हैं। शुष्क हवा के कारण अधिक प्रदूषण इकट्ठा नहीं हो पा रहा है। लेकिन हवा की कम गति प्रदूषण को साफ करने में सक्षम भी नहीं है।
हालांकि दिन चढ़ते ही हवाओं का असर बढ़ता है। साथ ही धूप भी तेज हो जाती है जिससे दोपहर आते-आते वातावरण काफी स्वच्छ दिखाई देने लगता है। लेकिन सुबह और शाम के समय नमी बढ़ने और हवा के मंद होने से फिर से प्रदूषण को बढ़ने का मौका मिल जाता है। प्रदूषण के रूप में धूल और धुएँ के अलावा अन्य गैसें तथा प्रदूषण के तत्व हवा की निचली सतह में ही फँस जाते हैं और धुएँ के रूप में उड़ते हुए दिखाई देते हैं।
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दिन में साफ वातावरण को देखते हुए लोग यह मनाने की भूल कर सकते हैं कि दिल्ली में प्रदूषण अब खत्म हो गया है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि प्रदूषण काफी हद तक साफ हो गया है। लेकिन दिल्ली से लेकर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में सुबह और शाम के समय प्रदूषण सिर उठाता है। इसलिए दिन के स्वच्छ वातावरण को देखते हुए बेपरवाह ना बनें और सुबह व शाम के समय दोपहिया वाहनों से या पैदल चलते समय मुंह पर मास्क लगाकर रखें या सूती कपड़े से ढँक कर रखें, ताकि प्रदूषण के घातक तत्व शरीर में प्रवेश कर आप को नुकसान ना पहुंचा पाये।
दिल्ली-एनसीआर में पिछले कुछ दिनों के दौरान प्रदूषण ने वापसी की है। बीते 4-5 दिनों में पीएम 2.5 और पीएम 10 बढ़ा है। जिससे हवा की गुणवत्ता खराब हुई है। नीचे दिए गए चित्र में देख सकते हैं।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अगले 4-5 दिनों तक प्रदूषण के हालात और मौसम दोनों इसी तरह बने रहेंगे, क्योंकि इस दौरान ना तो उत्तर भारत में कोई सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ है और ना ही अरब सागर या बंगाल की खाड़ी से तेज हवाएं चलेंगी।
इस बीच बंगाल की खाड़ी में अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह के पास एक नया मौसमी सिस्टम विकसित हुआ है, जो जल्द ही और प्रभावी होते हुए डिप्रेशन बन सकता है और उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ते हुए मध्य भारत के कुछ हिस्सों तक बारिश दे सकता है। इसके चलते दिल्ली में 5-6 दिसंबर से मध्यम से तेज़ दक्षिण पूर्वी हवाएँ चलेंगी। इन हवाओं में नमी अधिक होगी जिससे प्रदूषण इस दौरान काफी बढ़ सकता है।
Image credit: The Statesman
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