राष्ट्रीय राजधानी का प्रदूषण सितंबर के आखिर से ही सुर्खियों में है। प्रदूषण का आलम यह है कि डॉक्टर डीप ब्रीदिंग यानि गहरी साँस लेने, पार्कों में सुबह व शाम के समय कसरत करने से मना कर रहे हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए भारतीय चिकित्सा संगठन यानि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने दिल्ली में हाफ़ मैराथन करने पर रोक लगाने का आह्वान किया है। फिलहाल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अगले 2-3 दिनों तक हालात बदलने वाले नहीं हैं।
सफर द्वारा रिकॉर्ड किए गए वायु गुणवत्ता के आंकड़े देखें तो दिल्ली विश्वविद्यालय सबसे प्रदूषित रहा।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का आंकलन है कि 8-9 नवंबर तक दिल्ली और आसपास के शहरों में मौसमी स्थितियाँ यथावत रहेंगी। इस समय हवाओं का रुख उत्तर-पश्चिमी है और हवा की गति बहुत कम है जिसके चलते प्रदूषण, धुआँ और धूल के कण दिल्ली के निचले वायुमंडल में ही बने हुए हैं। हालांकि दिन में हवा तेज़ हो जाती है जिससे प्रदूषण में कमी देखने को मिलती है। सुबह और रात में शांत हवा के कारण प्रदूषण बढ़ जाता है।
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राजधानी दिल्ली में दिन और रात का तापमान अब तक सामान्य से ऊपर ही बना हुआ है जिसके चलते सर्दी भी महसूस नहीं की जा रही है। रविवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 1 डिग्री अधिक 31 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री ऊपर रहा और 16.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अनुमान है कि अगले 24 से 48 घंटों के दौरान तापमान में हल्की कमी आएगी।
इस बीच 9 नवंबर से पूर्वी हवाएँ चलाने की संभावना है जिसके पश्चात ही प्रदूषण में कुछ कमी की उम्मीद कर सकते हैं। आमतौर पर पूर्वी हवाओं में प्रदूषण और बढ़ जाता है लेकिन 9 नवंबर से चलने वाली पूर्वी हवा 10-15 किलोमीटर प्रतिघण्टे की गति से चलेगी जिससे प्रदूषण के साफ होने की उम्मीद है। दिल्ली के अलावा नोएडा, गुरुग्राम, फ़रीदाबाद और गाज़ियाबाद में भी प्रदूषण का स्तर खतरनाक है। इन स्थानों पर सतर्कता बरतें।
Image credit: The Indian Express
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