मंगलवार को दिल्ली में धुंध और कोहरे का असर कम हुआ लेकिन हवा में प्रदूषण अभी भी खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। दिल्ली में प्रदूषण को कम करने की कवायद के बीच आरोप और प्रत्यारोप का सिलसिला चल रहा है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण, विभिन्न राज्य सरकारों और एजेंसियों से नाराज़ है। परेशान लोग राहत के उपाय के लिए सूप्रीम कोर्ट में गुहार लगा रहे हैं।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उत्तर प्रदेश सरकार और नोएडा विकास प्राधिकरण पर इस बात के लिए नाराज़गी जताई है कि दिल्ली में पीएम 10 का स्तर 900 से अधिक होने के बावजूद निर्माण कार्यों पर रोक लगाने के उसके आदेश का पालन नहीं हो रहा है। एनजीटी अध्यक्ष स्वतंत्र कुमार ने उत्तर प्रदेश और प्राधिकरण के अधिकारियों से प्रदूषण से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों पर रिपोर्ट तलब की है।
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इस बीच दिल्ली में ऑड-इवन योजना पर एनजीटी के रोक के आदेश पर पुनर्विचार के लिए दिल्ली सरकार ने अपील की है। एनजीटी ने ऑड-इवन योजना में महिलाओं और दो पहिया वाहनों को छूट देने से इंकार किया था। दिल्ली सरकार ने कहा है कि एनजीटी अपने आदेश पर पुनर्विचार करे क्योंकि इससे विषम स्थितियाँ पैदा हो सकती हैं और महिलाओं की सुरक्षा प्रभावित हो सकती है।
इस बीच दिल्ली के प्रदूषण को बेतहासा बढ़ाने वाले कारणों में एक पंजाब और हरियाणा में जलाये जा रही फसलों में कमी आई है। नासा द्वारा ली गई तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि पारली जलाने की गतिविधियां कम हुई हैं।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण से हर कोई परेशान है। इस पर एक अधिवक्ता आर के कपूर ने सूप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी जिस पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पीठ ने सोमवार को सुनवाई करते हुए पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश की राज्य सरकारों और केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। याचिका में पराली जलाए जाने पर अंकुश लगाने और ऑड-इवन योजना कारगर ढंग से लागू करने का आदेश देने का आग्रह किया गया है।
इस बीच उत्तर भारत के मैदानी भागों में आज शाम से बारिश होने के आसार हैं। कल यानि 15 नवंबर को दिल्ली में भी बारिश हो सकती है। इसके चलते हम उम्मीद कर रहे हैं कि दिल्ली के ऊपर से धुंध के बादल छंटेंगे और प्रदूषण से अगले कुछ दिनों के लिए राहत मिलेगी।
Image credit: NDTV Profit
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