दिल्ली प्रदूषण, दिल्ली वालों के साथ-साथ आसपास के शहरों नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद, बल्लभगढ़, गौतमबुद्धनगर और अन्य भागों में परेशानी का कारण बना हुआ है। हवाओं के रुख़ में आ रहे बदलाव के चलते दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण में यह उठापटक जारी है। बृहस्पतिवार को दिल्ली के अधिकतर हिस्सों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के आसपास रिकॉर्ड किया गया। पीएम 10 दिल्ली के धीरपुर में 408, चाँदनी चौक में 412, नोएडा में 393 और पीतमपुर में 324 रहा।
इस समय भी राजधानी दिल्ली में हवाओं के रुख़ में थोड़ा बदलाव आया है जिससे प्रदूषण से फौरी तौर पर कुछ राहत मिलने की संभावना है। इससे पहले दक्षिण-पूर्वी दिशा से आने वाली आर्द्र हवाओं के कारण पिछले दो-तीन दिनों के दौरान प्रदूषण प्रभावी हो गया था। हवाओं की दिशा में बदलाव का मुख्य कारण था कश्मीर सहित उत्तर भारत के पहाड़ी भागों पर आया पश्चिमी विक्षोभ। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तर पश्चिमी हवाओं में ब्रेक लग गई थी।
पश्चिमी विक्षोभ अब जम्मू कश्मीर से आगे निकल गया है। फिर से उत्तर पश्चिमी हवाएं मैदानी इलाकों में पहुंचने लगी हैं। बृहस्पतिवार की दोपहर तक प्रदूषण घना रहा उसके बाद से हवाओं का हवाओं का प्रभाव बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। जिससे आज शाम और रात के अलावा कल सुबह से अगले दो-तीन दिनों के लिए वायु गुणवत्ता में कुछ और सुधार देखने को मिल सकता है।
माना जा रहा है कि यह उत्तर पश्चिमी हवाएं 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 1 दिसंबर तक चलती रहेगी उसके बाद 2 या 3 दिसंबर से फिर से एक नया पश्चिमी विक्षोभ पहुंचेगा जिससे हवाओं के रुख में बदलाव होगा। यानि 2 दिसम्बर से पुनः दक्षिण पूर्व या दक्षिण पश्चिम दिशा से कम गति की हवाएँ दिल्ली-एनसीआर में आ जाएंगी। इसके चलते दो या तीन दिसम्बर से प्रदूषण फिर से खतरनाक श्रेणी में चला जाएगा।
Image credit: New Indian Express
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