दिल्ली वालों को पिछले सप्ताह से ही प्रदूषण से व्यापक राहत मिली है। तेज़ और सर्द उत्तर-पश्चिमी हवाएँ चल रही हैं। इन्हीं शुष्क और ठंडी हवाओं के प्रभाव से दिल्ली में भीषण प्रदूषण से निज़ात मिली है। हालांकि अभी भी हवाओं में धूल, धुएँ, हानिकारक गैसों के कण मौजूद हैं। हवा की गुणवत्ता सामान्य से खराब स्तर पर बनी हुई है। मौसम में जल्द ही बदलाव देखने को मिलेगा जिससे प्रदूषण के फिर से सिर उठाने की आशंका प्रबल हो गई है।
इस आशंका को देखते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण, एनजीटी ने किसी भी प्रकार की ढील देने से इंकार किया है। एनजीटी ने दिल्ली सरकार और नगर निगमों से कहा है कि तय किए गए नियमों का उल्लंघन करने वालों से सख़्ती से जुर्माना वसूला जाएगा और जो जुर्माना देने से मना करें उनसे जुर्माने की राशि बढ़ा कर ली जाए। गौरतलब है कि निर्माण स्थलों पर उड़ती धूल, कूड़ा-करकट जलाना सहित कई गतिविधियों पर कड़े प्रतिबंध लगा दिये गए हैं।
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नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना 5 हज़ार रुपये से लेकर 5 लाख रूपये तक है। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार ने यह भी कहा कि जुर्माना न देने वालों पर अधिक दण्ड लगाया जाए और एनजीटी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का नोटिस दिया जाए। एनजीटी ने दिल्ली सरकार से कहा है कि वह प्रदूषण को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाए।
इस बीच दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर हवा की गुणवत्ता यानि एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के ऊपर बना हुआ है। दिल्ली-एनसीआर में गाज़ियाबाद की हवा सबसे अधिक प्रदूषित है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, डीपीसीसी के निगरानी केन्द्रों पर रिकॉर्ड किए गए आंकड़े बताते हैं कि राहत मिली है लेकिन हवा पूरी तरह स्वच्छ नहीं है। मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स, पंजाबी बाग में 406, मंदिर मार्ग में 401, मदर डेरी (शकरपुर) में 409 और आनंद विहार में 403 रहा।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 2 दिनों तक दिल्ली, गुरुग्राम, गाज़ियाबाद, नोएडा, फ़रीदाबाद सहित उत्तर भारत के मैदानी भागों में उत्तर पश्चिमी हवाएँ चलती रहेंगी जिससे प्रदूषण से राहत बनी रहेगी। हवाओं के रुख में 24-25 नवंबर से बदलाव आएगा और दक्षिण-पूर्वी तथा दक्षिण-पश्चिमी हवाएँ चलेंगी जिससे नमी बढ़ने और हवा के निचले स्तर पर प्रदूषक तत्वों के इकठ्ठा होने की आशंका है।
Image credit: The economic times
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