राजधानी दिल्ली में 15 नवंबर से कम हुआ प्रदूषण इस सप्ताह की शुरुआत से ही फिर से बढ़ा। बृहस्पतिवार को प्रदूषण पिछले 10 दिनों में सबसे उच्चतम स्तर पर पहुँच गया। स्काइमेट ने प्रदूषण में क्रमशः वृद्धि का अनुमान पहले ही लगाया था। इस समय उत्तर भारत के मैदानी भागों में हवाएँ कमज़ोर हुई हैं जिसके चलते धुन्ध में लिपटा प्रदूषण साफ-साफ दिखाई देने लगा है।
यूं तो दिल्ली और आसपास के शहरों में पिछले दिनों से पीएम 2.5 और पीएम 10 श्रेणी के प्रदूषक तत्व धीरे-धीरे बढ़ रहे थे लेकिन शुष्क और मध्यम उत्तर-पश्चिमी हवाओं के चलते प्रदूषण का असर अधिक समय तक दिखाई नहीं दे रहा था। सुबह और शाम के समय धुन्ध और धुआँ देखने को मिल रहा था जबकि दिन में खिली धूप के साथ हवा काफी स्वच्छ प्रतीत हो रही थी। दिल्ली और आसपास के शहरों में कल शाम को रिकॉर्ड की गई हवा की गुणवत्ता यानि एयर क्वालिटी इंडेक्स।
आज यानि बृहस्पतिवार को स्थितियाँ बदली हैं। उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कमज़ोर होने के चलते स्थानीय स्तर पर शहर का हर दिन पैदा होने वाला प्रदूषण कुहासे और धुन्ध में लिपट कर दिल्ली वालों को फिर से परेशान करने लगा है। अनुमान है की राष्ट्रीय राजधानी और इससे सटे शहरों नोएडा, गुरुग्राम, फ़रीदाबाद, गाज़ियाबाद में अगले 2-3 दिनों तक हालात बदलने वाले नहीं हैं।
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स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार कल से उत्तर-पश्चिमी शुष्क और सर्द हवाओं की गति कुछ बढ़ेगी लेकिन बहुत प्रभावी नहीं होंगी जिससे प्रदूषण बना रहेगा। धूल, धुएँ, कार्बन, नाइट्रोजन सहित हवाओं को प्रदूषित करने वाले सभी जहरीले कण हवा में घुलकर प्रभावित करेंगे। इसके अलावा 5-6 दिसम्बर से दक्षिण-पूर्वी हवाएँ प्रभावी हो सकती हैं, जिससे धुन्ध के साथ-साथ प्रदूषण और बढ़ जाएगा।
बंगाल की खाड़ी में अंडमान सागर के पास एक निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित हुआ है जो अगले 3-4 दिनों में सशक्त होते हुए चक्रवाती तूफान बन सकता है। यह सिस्टम आंध्र प्रदेश के तटों से प्रवेश करेगा और इसकी हवाएँ दिल्ली सहित मैदानी राज्यों तक 6 दिसम्बर को पहुंचेगी। हालांकि इसके प्रभाव से दिल्ली-एनसीआर में बारिश जैसी संभावना फिलहाल नहीं है।
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