दिल्ली-एनसीआर में इस साल जब दिवाली बीती और प्रदूषण में इजाफ़ा नहीं हुआ तो लोगों ने बड़ी राहत की सांस ली थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री समेत तमाम लोग दिल्ली वालों का शुक्रिया अदा कर रहे थे कि दिल्ली प्रदूषण को नियंत्रित रखने में दिल्ली के लोगों ने बड़ी भूमिका अदा की है। लेकिन यह खुशी कुछ ही दिनों के लिए थी।
दिल्ली प्रदूषण में 30 अक्टूबर से वृद्धि शुरू हुई और 3 नवंबर को प्रदूषण अपने चरम पर पहुँच गया। कई इलाके ऐसे थे जहां प्रदूषण ने पिछले वर्षों का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया। रविवार, 3 नवंबर को दिल्ली और एनसीआर के कई इलाकों में प्रदूषण के आंकड़े 900 के स्तर को भी पार कर गए।
दिल्ली-एनसीआर में आज सुबह 9 बजे के बाद प्रदूषण में वृद्धि शुरू हुई थी और 10 बजते-बजते यह अपने चरम पर पहुँच गया था। यही वक़्त था जब दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दृश्यता 300 मीटर तक पहुँच गई थी जिससे 37 उड़ानों का रूट बदलना पड़ा था।
दिल्ली-एनसीआर में आज का एक्यूआई
जिन इलाकों में सबसे अधिक प्रदूषण था उनमें नोएडा सैक्टर 50- (AQI 964), यमुना विहार (AQI 900), वसुंधरा (AQI 860) पश्चिम विहार (AQI 850), विष्णु गार्डेन (AQI 870), पंडारा पार्क (AQI 807), कृष्णा नगर (AQI 798), महरौली (AQI 786) गुरुग्राम, सैक्टर 67 (AQI 735) शामिल हैं। बाकी हिस्सों में भी स्थिति यही रही।
हालांकि शाम के बाद जब हवाओं ने कुछ रफ्तार पकड़ी तो स्थिति में सुधार हुआ और लोगों को कुछ राहत मिली। लेकिन कमी के बाद भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 500-600 के बीच बना हुआ है। यानि सांस के जरिये दिल्ली के लोगों के शरीर में ज़हर अभी भी जा रहा है।
#OddEven फिर से
प्रदूषण का प्रकोप देखते हुए दिल्ली सरकार ने फिर से दिल्ली में Odd-Even का नियम लागू किया है। यह फैसला 4 से 15 नवंबर के बीच लागू रहेगा। निश्चित तौर पर इससे दिल्ली की हवाओं में कुछ सुधार देखने को मिलेगा। लेकिन यह देर से लिया गया फैसला माना जाएगा क्योंकि फिलहाल प्रदूषण में सुधार होता दिखाई दे रहा। इसके लिए मौसम में बदलाव अहम भूमिका निभाएगा।
दिल्ली प्रदूषण में 4 नवंबर से सुधार की उम्मीद
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार जम्मू कश्मीर के पास बना पश्चिमी विक्षोभ आगे कल आगे निकल जाएगा जिससे उत्तर-पश्चिमी दिशा से शुष्क हवाएँ दिल्ली-एनसीआर पर आएंगी। हवाओं की रफ़्तार भी ठीक होगी जिससे यह प्रदूषण को साफ करने में अपनी भूमिका निभाएँगी।
उम्मीद यह भी है कि अरब सागर पर बना चक्रवाती तूफान 7 नवंबर को गुजरात पर लैंडफॉल करेगा साथ ही एक पश्चिमी विक्षोभ इसी समय जम्मू कश्मीर पर दस्तक देगा। इन दोनों सिस्टमों के कारण दिल्ली सहित उत्तर-पश्चिम भारत में 7 और 8 नवंबर को बारिश होने की संभावना है। अगर बारिश होती है तो दिल्ली पर छाई यह काली चादर धुल जाएगी और लोगों को बहुप्रतीक्षित राहत मिलेगी।
Image credit: The Economic Times
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