बीते दो दिनों से दिल्ली और आसपास के भागों में मॉनसूनी बारिश हो रही है। हालांकि बारिश का वितरण असंतुलित और असमान है। स्काइमेट के अनुसार मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय उत्तरवर्ती हो गई है और यह उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों से गुज़र रही है। इसके प्रभाव से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के साथ-साथ नोएडा, गाज़ियाबाद, गुड़गाँव और फ़रीदाबाद में अगले कुछ दिनों तक मॉनसून सक्रिय बने रहने का अनुमान है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों की राय है कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बारिश का वितरण और इसकी तीव्रता जिस प्रकार बीते दो दिनों के दौरान थी अगले 3-4 दिनों तक उसी प्रकार से वर्षा की गतिविधियां बनी रहेगी। दिन में बादल छाए रहने और बारिश की गतिविधियां जारी रहने से मौसम राहत देगा।
बुधवार की सुबह 8:30 से बीते 24 घंटों के दौरान दक्षिणी दिल्ली में कहीं-कहीं लोग भारी बौछारों से भी भीगे। दक्षिण के आयानगर में 70 मिमी वर्षा दर्ज की गई। पश्चिम में स्थित पीतमपुरा में 30 मिमी बारिश हुई। दिल्ली विश्वविद्यालय के पास वेदर स्टेशन ने 27 मिमी, नजफ़गढ़ में 15 मिमी और पूसा में 06 मिमी बारिश रिकॉर्ड की। सफदरजंग में 15 और पालम में 11 मिमी वर्षा हुई। गाज़ियाबाद के हिंडन में 52 मिमी और गाज़ियाबाद नगर में 35 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
बारिश के आंकड़ों को देखते हुये यह कहा जा सकता है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के भागों में कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई जबकि कुछ स्थानों पर लंबे इंतज़ार के बाद भारी वर्षा भी देखने को मिली।
दिल्ली और आसपास के भागों में बीते 15 दिनों से मॉनसूनी गतिविधियां लगभग ना के बराबर थीं जिसके चलते इन भागों में अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा था। हवा में मौजूद नमीं और बादल छाए रहने के कारण आर्द्रता भी सामान्य से अधिक थी। अधिक तापमान और आर्द्रता के चलते मौसम ने दिल्ली वालों को बीते 15 दिनों के दौरान काफी परेशान किया है।
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