दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी भागों में प्री-मॉनसून वर्षा की गतिविधियां पिछले कुछ दिनों से कम हो रही थीं, जिसकी वजह से तापमान में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही थी। बीते चौबीस घंटों में दिल्ली-एनसीआर समेत पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भागों में दिन का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था। कुछ इलाकों में लू जैसे हालात बन गए थे।
हालांकि भीषण गर्मी के बीच बुधवार को अचानक बारिश का एक झोंका आया जिसने मौसम को बदल दिया। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तरी राजस्थान के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है और एक ट्रफ रेखा इस सिस्टम से ओड़िशा के तटों के पास बने पश्चिम बंगाल पर निम्न दबाव के क्षेत्र तक है। इन दोनों सिस्टमों के कारण उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में हवाओं में नमी बढ़ रही थी।
एक तरफ तापमान धीरे-धीरे ऊपर जा रहा था तो दूसरी ओर नमी का स्तर भी ऊपर जा रहा था। इसी कारण अचानक गरज वाले बादल विकसित हुए और हरियाणा के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों से लेकर उत्तर-पूर्वी राजस्थान पर यह बादल विकसित हुए। धीरे-धीरे यह बादल उत्तर और पूर्वी दिशा में आगे बढ़ते हुए दिल्ली-एनसीआर और आसपास के भागों पर पहुंचे जिसके कारण फरीदाबाद, गुरुग्राम, पलवल, नोएडा, गाजियाबाद और आसपास के हिस्सों में शाम तकरीबन 6:00 बजे तेज हवाओं के साथ बारिश हुई।
दिल्ली-एनसीआर के कुछ इलाकों में बारिश के साथ ओलावृष्टि की घटनाएं भी देखने को मिलीं, जिसकी वजह से कुछ नुकसान भी हुआ है। तूफानी हवाओं ने भी कुछ जगहों पर झोपड़ी उड़ा दिए टीन-टप्पर भी अपनी जगह से दूसरी जगह पर दिखाई दिए।
आने वाले दिनों में दिल्ली-एनसीआर में अगले 48 घंटों तक तापमान इसी तरह से बढ़ता हुआ रहेगा। साथ ही हवाओं में नमी भी रहेगी। इससे उत्तर भारत के मैदानी राज्यों के साथ-साथ दिल्ली-एनसीआर, चंडीगढ़, जयपुर, मेरठ, आगरा, अलीगढ़, हिसार, सोनीपत, पानीपत, लुधियाना, पटियाला, अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र में ऐसी ही गतिविधियों की संभावना से इनकार नहीं कर सकते।
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