राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से बादल तो अच्छे बन रहे हैं लेकिन बारिश ना के बराबर हो रही है। इस दौरान कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा या कहीं-कहीं बूंदाबांदी जरूर देखने को मिली लेकिन दिल्ली- एनसीआर के ज्यादातर इलाकों में मौसम मुख्यतः शुष्क ही बना रहा। हालांकि बादल छाने और हवाएं चलने के कारण मौसम काफी खुशनुमा बना हुआ है। दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद, फरीदाबाद, बल्लभगढ़, पलवल और आसपास के इलाकों में लोगों को गर्मी से राहत मिल रही है। यह अलग बात है कि बारिश की उम्मीद पूरी नहीं हो पा रही है।
एक तरफ उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में मॉनसून वर्षा कहर बरपा रही है तो दूसरी ओर दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी राज्यों को अभी भी इंतजार करना पड़ रहा है। रविवार, 29 सितंबर की शुरुआत भी दिल्ली-एनसीआर में घने बादलों के साथ जरूर हुई है लेकिन बारिश तक देखने को नहीं मिली है।
मॉनसून पर स्काइमेट का विशेष बुलेटिन
दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए हमारे पास यही खबर है कि अगले 24 घंटों तक इसी तरह से दिल्ली और उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में हवाओं में नमी बरकरार रहेगी। यानी दक्षिण-पूर्वी मॉनसूनी हवाएं चलती रहेंगी जिसके कारण बादल बने रह सकते हैं और कहीं-कहीं पर बारिश देखने को भी मिल सकती है। बारिश की संभावना अधिकांश इलाकों में नहीं है। यानि बारिश कुछ स्थानों पर हो सकती है और इसकी तीव्रता भी बहुत ज्यादा नहीं होगी। कह सकते हैं कि दिल्ली वाले अब मॉनसून से बहुत ज़्यादा उम्मीदें ना लगाएँ नहीं तो निराशा ही हाथ लगेगी।
आज नवरात्रि का पहला दिन है और इसकी शुरुआत दिल्ली-एनसीआर में सुहावने मौसम के साथ हुई है। लेकिन जैसे-जैसे समय आगे बढ़ता जाएगा दक्षिण-पूर्वी आर्द्र हवाओं का दिल्ली तक आना कम होने लगेगा और इसकी जगह पश्चिमी हवाएं चलने लगेंगी जिससे धीरे-धीरे मॉनसून की वापसी का रास्ता साफ होगा और मौसम भी सुहावना हो जाएगा क्योंकि पश्चिमी हवाओं में ठंडक अपेक्षाकृत अधिक होगी।
जानिए भारत से सामान्यतः कब विदा होता है मॉनसून
यहां गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर से आमतौर पर 15 से 20 सितंबर के बीच मॉनसून वापस लौट जाता है। लेकिन इस बार बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में अनेकों मौसमी सिस्टमों के कारण प्रभावी दक्षिण-पूर्वी और पूर्वी हवाएं उत्तर भारत के मैदानी राज्यों तथा राजस्थान तक अब भी चल रही हैं जिसके कारण अब तक मॉनसून वापसी की राह पर नहीं लौटा है। उम्मीद है कि मॉनसून अक्टूबर के दूसरे सप्ताह तक दिल्ली एनसीआर से अलविदा कहेगा। मॉनसून के वापस लौट जाने के बाद दिल्ली में बारिश की उम्मीद कैस्पियन सी से आने वाली पश्चिमी हवाओं से होती है जिसे पश्चिमी विक्षोभ कहते हैं।
फिलहाल मॉनसून के प्रदर्शन पर नजर डालें तो दिल्ली में सामान्य से 35% कम बारिश दर्ज की गई है। इसमें सुधार की भी कोई गुंजाइश नहीं है क्योंकि मॉनसून वर्षा की गणना के मात्र 48 घंटे और बचे हैं, और इस दौरान बहुत ज़्यादा बारिश के आसार भी नहीं हैं।
Image credit: Newsfolo
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