दिल्ली में पांच दिनों के लम्बे अंतराल बाद, वायु गुणवत्ता एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। दिल्ली में प्रदूषण का आलम यह है कि पिछले एक महीने से दिन प्रतिदिन प्रदुषण का स्तर बढ़ता जा रहा है।
स्काइमेट के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार गुरुवार सुबह, दिल्ली एनसीआर का समग्र AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 312 दर्ज किया गया। जबकि, अधिकांश स्थानों पर पीएम 10 'मध्यम' से 'खराब' श्रेणी में बना हुआ है। वहीँ, पीएम 2.5 अधिकांश हिस्सों में, खराब से बेहद खराब श्रेणी में दर्ज किया जा रहा है। इसके अलावा दिल्ली के एक-दो स्थानों पर तो पीएम 2.5 'बेहद खतरनाक' श्रेणी में बना हुआ है।
दिल्ली में ऐसा पहली बार हुआ है जब 15 नवंबर के बाद भी प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक श्रेणी में देखा जा रहा है।
बढ़ते प्रदूषण का कारण
- हवाओं की धीमी रफ़्तार
- उमस का बढ़ना
- तापमान में कमी
- और, पश्चिमी हिमालय पर बने पश्चिमी विक्षोभ
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली में अगले 24 से 48 घंटों के दौरान हवाएँ की रफ़्तार हल्की ही बनी रहेगी। उम्मीद है कि, दिल्ली में 23-24 नवम्बर के आसपास हवा की गति में तेजी आने से प्रदूषण में मामूली सुधार देखने को मिल सकता है। इस दौरान वायु गुणवत्ता में भी मामूली सुधार की उम्मीद है।
दिल्ली और एनसीआर में बारिश की संभावना
25 नवंबर के आसपास दिल्ली और एनसीआर में बारिश होने की संभावना है। उस दौरान, हमारा मानना है कि बारिश की तीव्रता मध्यम होने से धरती की सतह पर जमे वायु प्रदूषक धूल जाएंगे।
Also, Read In English: Delhi Pollution on a rise once again, no respite until next week
दिल्ली और एनसीआर में 28 - 29 नवंबर तक प्रदूषण से कोई बड़ी राहत मिलने की संभावना नहीं है। ऐसा माना जा रहा है कि उसके बाद पश्चिमी विक्षोभ अपनी दिशा बदलेगा जिससे हवाएँ रफ्तार पकड़ लेंगी।
Image Credit: DNA India
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