पिछले कुछ दिनों से दिल्ली और आसपास के शहरों में रुक-रुक कर प्री-मॉनसूनी गतिविधियां, विशेषकर आंधी, बादलों की गर्जना और हल्की बरसात देखने को मिल रही है। यही वजह है कि मई में अब तक प्रचंड गर्मी के प्रकोप से लोगों को राहत मिली है। उत्तर भारत में एक के बाद एक आ रहे पश्चिमी विक्षोभ और उसके प्रभाव से मैदानी क्षेत्रों में बनने वाले चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के चलते मौसम का यह हाल है।
दिल्ली में यूं तो तापमान 40 डिग्री को पार कर रहा है लेकिन बीते वर्षों में जिस तरह की प्रचंड गर्मी मई में देखने को मिली है अभी उससे राहत है। पिछले 24 घंटों के दौरान दिल्ली में कुछ स्थानों पर धूलभरी आंधी और बादलों की गर्जना जैसी मौसमी हलचल हुई। हालांकि बारिश नहीं हुई। शुक्रवार की सुबह भी अचानक पश्चिम से आए बादलों से दिल्ली में अंधेरा सा हुआ। उम्मीद हुई की तेज बारिश होगी लेकिन यह बादल छलावा थे और आगे निकल गए।
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मौसम विशेषज्ञों की मानें तो दिल्ली और आसपास के भागों में हवा में पर्याप्त बनी हुई है जिसके चलते तापमान के 40 डिग्री से ऊपर जाने की स्थिति में कुछ स्थानों पर हल्की आंधी और बादलों की गर्जना जैसी प्री-मॉनसून हलचल हो सकती है। इसके साथ एक-दो जगहों पर हल्की वर्षा होने की भी संभावना बन सकती है। इस दौरान एक-दो जगह बिजली गिरने के भी आसार हैं।
इस समय पंजाब और इससे सटे भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इस सिस्टम से एक ट्रफ रेखा देश के पूर्वी राज्यों तक जा रही है। इन सिस्टम के प्रभाव से बंगाल की खाड़ी से आर्द्र हवाएँ मैदानी क्षेत्रों तक पहुंच रही हैं। यही कारण है कि दिल्ली में मौसम का मिजाज अचानक बदलता हुआ दिखाई दे रहा है। दिल्ली में गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
स्काईमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 48 घंटों तक मौसमी परिदृश्य इसी तरह का बना रहेगा। उसके बाद सिस्टम कमजोर होंगे, हवा बदलेगी और उत्तर पश्चिमी गर्म तथा शुष्क हवाएँ अपना डेरा कुछ दिनों के लिए स्थाई तौर पर जमा लेंगी। हवाओं में बदलाव से वातावरण में नमी कम होगी और तेज धूप अपना असर दिखाएगी जिससे 20 मई के बाद अगले कुछ दिनों के लिए लोगों को प्रचंड गर्मी का सामना करना पड़ेगा।
Image credit: The Hindu
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