राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लिए नवंबर का महीना मौसम में बदलाव का महीना होता है। यही वह समय होता है जब दिल्ली में तापमान डबल डिजिट से घटकर सिंगल डिजिट में पहुंच जाता है। नवंबर 2019 में तीन बार ऐसा देखने को मिला जब न्यूनतम तापमान काफी गिर गया था।
पहली बार 12 नवंबर को पारा गिरकर 11.7 डिग्री पहुंचा था। उसके बाद 20 नवंबर को 11.4 और फिर 22 नवंबर को 11.8 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया था। लेकिन पिछले कुछ दिनों से हवाओं मेंं सुस्ती और तेज धूप के कारण राष्ट्रीय राजधानी में दिन और रात के तापमान सामान्य से कुछ ऊपर रिकॉर्ड किए जा रहे थे।
मौसम विशेषज्ञों की मानें तो उत्तर भारत में कश्मीर की तरफ आने वाले एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ के कारण दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद और फरीदाबाद सहित आसपास के भागों में तापमान में उतार और चढ़ाव देखने को मिल रहा था।
पश्चिमी विक्षोभ इस समय उत्तरी पाकिस्तान और जम्मू कश्मीर के पास है। इसके प्रभाव से विकसित हुआ चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य पाकिस्तान और पंजाब के भागों पर दिखाई दे रहा है। इन दोनों सिस्टमों के संयुक्त प्रभाव से उत्तर भारत के पहाड़ों से लेकर मैदानी राज्यों तक मौसम बदलेगा। दिल्ली एनसीआर भी इस बदलाव से प्रभावित होंगे और आज शाम या रात से बारिश की गतिविधियां शुरू हो सकती हैं।
सर्दी के मौसम का यह पहला लंबा बारिश का दौर कहा जा सकता है, क्योंकि इन सिस्टमों का प्रभाव 28 नवंबर तक बना रहेगा और रुक रुक कर बारिश की गतिविधियां यहां पर देखने को मिल सकती हैंं। आज, 25 नवंबर को हल्की वर्षा की संभावना है। कल दोपहर में दिल्ली में मध्यम बौछारें गिर सकती हैंं लेकिन बारिश सभी जगह पर नहीं होगी बल्कि कुछ ही क्षेत्रों पर सीमित रह सकती है।
जहां तक दिल्ली में तापमान की बात है तो 2007 से 2018 तक के आंकड़े अगर देखें तो नवंबर के आखिर मेंं महज़ तीन बार ऐसा हुआ है जब तापमान दहाई में रिकॉर्ड किया गया। जबकि बाकी वर्षों में पारा गिरते हुए इकाई में पहुंच जाता है। हम सभी जानते हैं कि उत्तर भारत में बर्फबारी देने के बाद जब पश्चिमी विक्षोभ आगे निकल जाते हैं और पहाड़ों से होकर ठंडी हवाएं मैदानी राज्यों तक पहुंचती हैंं, तब दिल्ली-एनसीआर में असली सर्दी शुरू होती है।
इस तरह 28 नवंबर के बाद जब पश्चिमी विक्षोभ आगे जाएगा तब उत्तर-पश्चिमी बर्फीली हवाएं फिर से राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंचेगी जिससे हम उम्मीद कर सकते हैं कि 29 नवंबर से न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट आएगी। इस तरह दिसंबर का आगाज कड़ाके की सर्दी के साथ हो सकता है।
Image Credit: Amar Ujala
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