[Hindi] दिल्ली-एनसीआर में जमकर बरसा मॉनसून, सावन की झमाझम बारिश से मौसम हुआ सुहावना

July 22, 2020 8:55 PM|

दिल्ली सहित उत्तर भारत के भागों में 19 जुलाई से मॉनसून सक्रिय हुआ और 19 जुलाई से लेकर 22 जुलाई के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में कई जगहों पर मूसलाधार वर्षा के कई दौर देखे गए। 21 जुलाई की सुबह 8:30 से 22 जुलाई की सुबह 8:30 बजे के 24 घंटों की अवधि में दिल्ली के सफदरजंग मौसम केंद्र पर 30 मिलीमीटर जबकि पालम में 35 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। इससे पहले 19 जुलाई को 74 मिलीमीटर वर्षा दिल्ली में हुई थी, जिससे दिल्ली में जगह-जगह जलभराव की स्थिति से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ था।

19 जुलाई के बाद भारी वर्षा आज यानी 22 जुलाई को देखने को मिली, जब सुबह 8:30 से 11:30 के बीच महज 3 घंटों की अवधि में दिल्ली के पालम केंद्र पर 57 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। इसके अलावा नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में भी भारी वर्षा हुई है। मॉनसून की रेखा उत्तर भारत में हिमालय के तराई क्षेत्रों के करीब जा रही है और यही ट्रफ दिल्ली के करीब बनी हुई थी जिसके कारण दिल्ली-एनसीआर में मॉनसून सक्रिय हुआ था और बारिश की गतिविधियां देखने को मिल रही थीं।

अब मॉनसून ट्रफ हिमालय के तराई क्षेत्रों में चली जाएगी। ट्रफ के दिल्ली से दूर होने की वजह से मॉनसून वर्षा की गतिविधियां कम हो जाएंगी और तीन-चार दिनों के दौरान ज्यादा वर्षा की संभावना नहीं रहेगी। आसमान मुख्यतः साफ और मौसम साफ रहेगा तथा मॉनसून ट्रफ के दक्षिण में यानी दिल्ली-एनसीआर पर उत्तर पश्चिमी दिशा से हवाएं चलेंगी। यह हवाएं शुष्क होंगी यही कारण है कि दिल्ली में फिर से तापमान अगले तीन-चार दिनों के लिए बढ़ जाएगा और गर्मी भी दिल्ली के लोगों को परेशान करेगी।

हालांकि वर्तमान में हुई बारिश और हिमालय के तराई क्षेत्रों पर बनी मॉनसून ट्रफ के चलते अचानक गरज वाले बादल विकसित होने और कुछ इलाकों में गरज के साथ वर्षा की गतिविधियां दिल्ली एनसीआर पर अगले तीन-चार दिनों के दौरान होने की संभावना बनी रहेगी, लेकिन इस दौरान बारिश की तीव्रता बहुत अधिक नहीं होगी और बारिश अधिक समय के लिए नहीं होगी। भारी वर्षा की वापसी 26 या 27 जुलाई को हो सकती है।

Image Credit:NewsXYZ

कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।

Similar Articles

thumbnail image
पश्चिमी विक्षोभ लगातार सक्रिय, हिमालयी राज्यों में बारिश और बर्फबारी की चेतावनी

इस बार मार्च में भी पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय बना हुआ है, जिससे पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों दोनों में प्रभाव देखने को मिलेगा। जहां हिमालयी राज्यों में बर्फबारी की कमी दूर होगी, वहीं उत्तर भारत के किसान ओलावृष्टि और बारिश के कारण सतर्कता बरतने की जरूरत होगी।

posted on:
thumbnail image
[Hindi] सम्पूर्ण भारत का मार्च 12, 2025 का मौसम पूर्वानुमान

अगले 24 घंटे के दौरान सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, केरल और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।सिक्किम और उत्तराखंड में भी हल्की बारिश और बर्फबारी हो सकती है। तमिलनाडु और पंजाब में हल्की बारिश होने की संभावना है।

posted on:
thumbnail image
रंगों के साथ बरसेंगे बादल, इस बार होली पर कई राज्यों में होगी बारिश

आमतौर पर, इस मौसम में होली के समय गर्मी महसूस की जाती है। लेकिन साल 2025 इसमें अपवाद साबित हो सकता है, क्योंकि इस बार देश के कई शहरों में होली के दौरान बारिश होने की संभावना है। खासकर उत्तरी मैदानी इलाकों में इस समय बारिश बहुत कम होती है, लेकिन इस बार मौसम कुछ अलग रहने वाला है।

posted on:
thumbnail image
धीमी होती हवाएं लाएंगी गर्मी, उत्तर और मध्य भारत में बढ़ेगा तापमान, फसलों पर होगा असर

पश्चिमी विक्षोभ और दबाव परिवर्तन के चलते हवाओं की गति में उतार-चढ़ाव हो रहा है। तेज़ हवाओं के कारण फसलों को नुकसान हुआ है, लेकिन अब जब हवाएं शांत हो रही हैं, तो तापमान बढ़ने लगेगा। होली के दौरान पंजाब और हरियाणा में बारिश की संभावना है, लेकिन तापमान गर्म बना रहेगा। इस बदलते मौसम का असर न सिर्फ कृषि पर बल्कि जल संसाधनों पर भी पड़ेगा।

posted on: