
दिल्ली में बहुत दिनों बाद झमाझम बारिश हुई। बारिश का इंतजार राष्ट्रीय राजधानी को लंबे समय से था लेकिन यह इंतजार खत्म नहीं हो रहा था। यूं तो पिछले तीन-चार दिनों से उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में तमाम जगहों पर मॉनसून सक्रिय हुआ था और उम्मीद थी कि बारिश की गतिविधियां राष्ट्रीय राजधानी के साथ-साथ एनसीआर के अन्य शहरों गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, बल्लभगढ़ में भी देखने को मिलेंगी। बारिश हो रही थी लेकिन कुछ ही इलाकों में।
इंतज़ार ख़त्म हुआ और बीते 24 घंटों के दौरान, खासतौर पर बीती रात में दिल्ली और एनसीआर में कई जगहों पर मूसलाधार वर्षा देखने को मिली। वर्ष 2020 के मॉनसून सीजन में यह अब तक की सबसे अधिक वर्षा है। 12 अगस्त की सुबह 8:30 बजे से 13 अगस्त की सुबह 8:30 बजे के बीच 24 घंटों की अवधि में दिल्ली के पालम में 94 मिलीमीटर की मूसलाधार वर्षा रिकॉर्ड की गई। इसी दौरान सफदरजंग में भी 68 मिलीमीटर की भारी वर्षा हुई।
मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय पंजाब और उत्तर प्रदेश होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी है। यह दिल्ली के काफी करीब है। इसके अलावा पश्चिमी राजस्थान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी बना हुआ है। इन मौसमी सिस्टमों के अलावा एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र आज बंगाल की खाड़ी पर विकसित होने वाला है। यह सिस्टम भी उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ेगा जिससे दिल्ली और आसपास के शहरों में अगले एक सप्ताह तक मॉनसून के सक्रिय बने रहने की संभावना है।
मौसम विशेषज्ञों का आकलन है कि 20 अगस्त तक दिल्ली और एनसीआर पर मॉनसूनी बादल आते-जाते रहेंगे और रुक-रुक कर बारिश होती रहेगी। हालांकि बीती रात में जैसी बारिश हुई है, आने वाले दिनों में उस तरह की मूसलाधार वर्षा नहीं होगी लेकिन हल्की से मध्यम वर्षा के आसार बने रहेंगे। इस बीच 1 जून से 12 अगस्त के बीच दिल्ली में सामान्य से 35% कम 230 मिलीमीटर वर्षा हुई थी। हालांकि इसमें पिछले 24 घंटों के दौरान हुई बारिश का आंकड़ा जुड़ने पर सामान्य और वास्तव में हुई बारिश के बीच का जो अंतर है, वह कुछ कम होगा।
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