राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 12 अगस्त की रात से 13 अगस्त की सुबह के बीच जिस तरह की मूसलाधार वर्षा रिकॉर्ड की गई उससे राजधानी के तमाम इलाके जलमग्न हो गए, सड़कें डूब गई और निचले इलाकों में पानी भर गया। दिल्ली में मॉनसून का प्रदर्शन इससे पहले तक बहुत अच्छा नहीं रहा है। लंबे इंतजार के बाद यह बारिश हुई। उसके बाद फिर से मॉनसून की हलचल कम हो गई है। 12 अगस्त की रात में हुई इस बारिश से पहले दिल्ली का उत्तर पश्चिमी हिस्सा सबसे कम वर्षा वाला क्षेत्र था, जहां बारिश में कमी 70% थी। इसके बाद 66 फ़ीसदी की कमी के साथ मध्य दिल्ली दूसरे स्थान पर था।
English version: Delhi Monsoon: Single-day rain turn Delhi to normal from deficient, more showers ahead
13 अगस्त की सुबह दिल्ली के सफदरजंग मौसम केंद्र पर बारिश के जो आंकड़े प्राप्त हुए वह 24 घंटों की अवधि में बीते 5 वर्षों में सबसे अधिक वर्षा के आंकड़े हैं। इसी दिन और इसी अवधि में पालम में 93.6 मिलीमीटर की मूसलाधार वर्षा दर्ज की गई, जो बीते 10 वर्षों में दूसरा सबसे अधिक वर्षा का आंकड़ा है। अन्य क्षेत्रों में भी भारी बारिश दर्ज की गई।
12 अगस्त की रात और 13 अगस्त की सुबह के बीच होने वाली इस बारिश से पहले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के 9 जिलों में 4 जिले ऐसे थे जहां पर बारिश सामान्य से 50 प्रतिशत या उससे भी कम थी। दो ज़िले ऐसे थे जहां पर 20% की कमी रह गई थी। जबकि दो जिलों में बारिश सामान्य के आसपास हुई थी (+/-19% को सामान्य माना जाता है।)। इस बारिश ने इन आंकड़ों में बड़ा उलटफेर किया और 2 जिले सामान्य से 50% अधिक वर्षा वाले बन गए जबकि 2 जिले अभी भी सामान्य से कम वर्षा बने हुए हैं। समग्र दिल्ली में बारिश में कमी 12 अगस्त से पहले 33% से ज्यादा थी जो अब घटकर 10% पर आ गई है।
दिल्ली में होने वाली है बारिश
दिल्ली और एनसीआर में आने वाले दिनों में भी मॉनसून के सक्रिय रहने की संभावना है जिससे राजधानी में कुछ स्थानों पर रुक-रुक कर वर्षा की गतिविधियां होती रहेंगी। अगले 2-3 दिनों के दौरान मध्यम बारिश की संभावना है, उसके बाद बारिश में कुछ कमी आएगी और हल्की वर्षा की गतिविधियां देखने को मिलेंगी। आने वाले दिनों में बादल छाए रहने, आर्द्र हवाएं चलने और कुछ स्थानों पर वर्षा होने की संभावना के चलते दिन में तापमान सामान्य के आसपास बना रहेगा।
Image Credit: New India
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