इस बार सर्दी का मिजाज़ पिछले वर्षों जैसा नहीं है। सूरज भी बीती सर्दियों जैसी लुका छिपी नहीं कर रहा और कोहरे की चादर भी राजधानी दिल्ली को अपनी आगोश में नहीं ले रही है। दिसम्बर और जनवरी में सर्दी आमतौर पर अपने चरम होती है। खासतौर पर जनवरी में सर्दी हाड़ कंपाने वाली होती है। लेकिन इस बार तेज़ सर्दी का इंतज़ार अभी भी बना हुआ है।
दिसम्बर के महीने में तापमान औसतन 7 से 9 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड किया जाता है। बीते दिसम्बर के शुरुआती 10 दिनों के दौरान पारा 9 डिग्री रहा जबकि मध्य में यह 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिसम्बर के जाते-जाते 7 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड किया गया। दिसम्बर इस बार हल्की गर्मी के साथ ही बीत गया क्योंकि माह का औसत तापमान 8 डिग्री के बजाए 9 डिग्री रहा।
जनवरी में भी सुबह का तापमान 7 डिग्री के आसपास बने रहने के आसार हैं। माह के अंत तक इसमें और वृद्धि देखने को मिलेगी। कोहरे के नज़रिये से देखें तो दिसम्बर में सामान्यतः 11-12 दिन काफी अधिक कोहरा छाया रहता है, उसमें भी लगभग 4 दिन ऐसे होते हैं जब दृश्यता बेहद कम होती है। इस बीते दिसम्बर में केवल 1 दिन ही ऐसा घना कोहरा बना कि वो यातायात को प्रभावित कर सके।
वर्ष 2008 के बाद यह दिसम्बर ऐसा था जब मौसम सबसे अधिक शुष्क रहा। इस पूरे माह में महज़ 0.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। दिल्ली वालों के मन में अभी भी कड़ाके की ठंड का इंतज़ार बरकरार है।
हालांकि मौसमी परिदृश्य इस बात का संकेत कर रहे हैं कि राष्ट्रीय राजधानी में जल्द ही सर्दी बढ़ने वाली है। उत्तर भारत के पर्वतीय भागों को 7 जनवरी से एक नया पश्चिमी विक्षोभ प्रभावित करने वाला है। इसके जम्मू-कश्मीर से आगे निकल जाने के बाद पहाड़ों पर गिरी बर्फ से बर्फीली हवाएँ दिल्ली तक पहुँचेंगी जिससे यहाँ पारा तेज़ी से नीचे जा सकता है और लोग सर्दी महसूस कर सकते हैं। दिल्ली में भी 7 जनवरी को हल्की बारिश होने की संभावना है।
उत्तर के पहाड़ों पर बर्फबारी और राजधानी में हल्की बौछारों के चलते दिल्ली में 8 जनवरी के बाद अच्छी सर्दी की उम्मीद की जा रही है। सामान्य से ऊपर चल रहे तापमान में व्यापक गिरावट दर्ज की जा सकती है।
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