उत्तर भारत में इस समय एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है और मॉनसून रेखा तराई वाले भागों से होकर गुज़र रही है। इन दोनों के संयुक्त प्रभाव से अगले कुछ दिनों के दौरान दिल्ली और इसके आसपास के भागों में छिटपुट बारिश होने की संभावना है। तीन दिनों के बाद अनुमान है कि दिल्ली में मौसम शुष्क हो जाएगा।
मॉनसून की अक्षीय रेखा पहले ही हिमालय की तराई के करीब पहुँच चुकी है। स्काइमेट का अनुमान है कि यह रेखा दिल्ली के उत्तर में काफी दूर रहेगी। हालांकि बदले मौसमी परिदृश्य से उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों और पहाड़ों से सटे मैदानी राज्यों में कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है।
स्काइमेट के अनुसार आने वाले पूरे सप्ताह भर हरियाणा और दिल्ली के मौसम को कोई सक्षम पश्चिमी विक्षोभ फिलहाल प्रभावित करने वाला नहीं है। जिससे दिल्ली और आसपास के भागों में आगामी सप्ताह में मौसम आमतौर पर शुष्क बना रह सकता है। हालांकि इस दौरान भी स्थानीय मौसमी हलचल के चलते छिटपुट जगहों पर बादलों की गर्जना के साथ हल्की बौछारें गिरने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
अगस्त की शुरुआत से दिल्ली में कभी-कभी और कहीं-कहीं बारिश की गतिविधियां हो रही हैं। राष्ट्रीय राजधानी में 7 से 9 अगस्त के दौरान अच्छी बारिश दर्ज की गई। दिल्ली के सफदरजंग मौसम केंद्र ने 23 अगस्त तक कुल 139.4 मिमी बारिश रिकॉर्ड की जो अगस्त में होने वाली औसत 253.4 मिमी की बारिश से बहुत कम है। हालांकि पालम में 278.5 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है।
अगस्त के बाकी बचे दिनों में दिल्ली में मौसम शुष्क रहने के आसार हैं जिससे तापमान ऊपर जाएगा और दिन में गर्मी महसूस की जाएगी। हालांकि उत्तर-पश्चिम से आने वाली हवाओं के चलते दिल्ली और आसपास के भागों में आर्द्रता घटेगी जिससे मौसम गर्म भले होगा लेकिन उमस कम होगी।
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