उत्तर भारत से मॉनसून वापस लौट चुका है। इसके अलावा पहाड़ों पर ना तो कोई पश्चिमी विक्षोभ है और ना ही मैदानी राज्यों में कोई मौसमी सिस्टम नहीं है जिसके चलते उत्तर भारत में मौसम शुष्क बना हुआ है। राजस्थान में कई स्थानों पर पारा 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच रहा है। हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों पर अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर 35 डिग्री के आसपास दर्ज किया जा रहा है। अगले 4-5 दिनों तक इन भागों के मौसम में विशेष बदलाव के आसार नहीं हैं।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार राजस्थान के दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों पर हवाओं में विपरीत चक्रवाती क्षेत्र यानि एंटी सकलोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है। इसके प्रभाव से अरब सागर या बंगाल की खाड़ी से उठने वाली आर्द्र हवाएँ मैदानी भागों में नहीं पहुँचती हैं और उत्तर-पश्चिमी हवाओं का रास्ता साफ हो जाता है। मैदानी भागों में इस समय शुष्क उत्तर-पश्चिमी हवाएँ चल रही हैं।
मौसमी परिदृश्य अगले 4-5 दिनों तक नहीं बदलेगा। दिन में तेज़ धूप खिली रहेगी जिसके चलते पंजाब और हरियाणा से लेकर दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान तक कई इलाकों में तेज़ गर्मी जारी रहेगी। राजस्थान के जैसलमर, बाड़मेर, बीकानेर, चुरू, श्रीगंगानगर, फलोदी, सवाई माधोपुर, बूंदी जैसे स्थानों पर दिन का तापमान 38-40 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड किया जा सकता है।
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इसी तरह से हरियाणा में हिसार, रोहतक, नारनौल, सिरसा और भिवानी सहित दिल्ली और चंडीगढ़ में भी शुष्क मौसम के साथ काफी अधिक गर्मी जारी रहने के आसार हैं। इन भागों में 34-38 डिग्री के बीच तापमान रहने का अनुमान है। पंजाब के लुधियाना, पटियाला, पठानकोट और भटिंडा में 33-35 डिग्री तापमान दर्ज किया जाएगा और मौसम शुष्क होगा। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञ महेश पालावत के अनुसार यह दो ऋतुओं के बीच का समय है। वर्षा ऋतु जा रही है और शीत ऋतु का आगमन हो रहा है। ऐसे में अगर बारिश समय से पहले से बंद हो तो तेज़ गर्मी एक बार वापसी करती है। इसमें दिलचस्प्त यह भी है कि रात में जहां हल्की ठंडक का आभास होने लगा है वहीं दोपहर में तेज़ गर्मी है।
महेश पालावत ने बताया कि रात और दिन के तापमान में इतना अंतर इसलिए है क्योंकि जब आसमान साफ हो और वातावरण में नमी भी कम हो तब पृथ्वी की सतह से गर्मी, लॉन्ग वेब रेडिएशन के रूप में रात में ऊपर चली जाती है जिससे तापमान तेज़ी से नीचे आता है। इस समय मैदानी राज्यों में नमी कम है और बादल भी नहीं हैं जिसके चलते रात में गर्मी के ऊपर जाने में कोई बाधा नहीं है। यही वजह है कि रात में ठंडक महसूस होने लगी है।
Image credit: The Indian Express
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