उत्तर-पश्चिम भारत के सभी राज्यों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ-साथ राजस्थान, उत्तरी मध्य प्रदेश और गुजरात के कच्छ क्षेत्र से मॉनसून वापस हो चुका है। इस समय इन भागों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान के बीच व्यापक अंतर देखने को मिल रहा है जिससे सुबह और रात में जहां हल्की ठंडक महसूस हो रही है वहीं दोपहर की धूप चुभने वाली है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि यह समय दो ऋतुओं के मिलन का समय समय है। यानि वर्षा ऋतु जा रही है जबकि शीत ऋतु का आगमन होने को है।
उदाहरण के तौर पर हम बृहस्पतिवार को दर्ज किए गए अधिकतम और न्यूनतम तापमान में अंतर को ही देख सकते हैं। बृहस्पतिवार को अमृतसर, हिसार, नारनौल, मेरठ, देहरादून, शाहजहाँपुर, कानपुर, लखनऊ और बहराइच में सुबह जहां 17 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया वहीं इन भागों में दिन में पारा 34-35 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा।
स्काइमेट के अनुसार उत्तर-पश्चिम भारत में इस समय उत्तर-पश्चिमी शुष्क हवाएँ चल रही है। राजस्थान के दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों पर एक एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन गया है जिसके प्रभाव से समूचे उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में उत्तर और पश्चिमी दिशा से आने वाली इन शुष्क व शीतल हवाओं का प्रवाह बना रहेगा। इसका परिणाम यह होगा कि इन भागों में नमी कम होगी और सुबह तथा रात में मौसम ठंडा प्रतीत होगा।
फिलहाल किसी मौसमी सिस्टम के अभाव में आसमान साफ और मौसम शुष्क बना रहेगा। दिन में तेज़ धूप के चलते गर्मी का अनुभव करना पड़ सकता है। लेकिन न्यूनतम तापमान में कमी के कारण हल्की ठंडक रहेगी और धीरे-धीरे शीतलता में और इज़ाफ़ा होगा। ओस की चमकती बूंदों के साथ सुबह की शुरुआत देखने को मिलेगी।
मौसम में इस तबदीली से कुछ स्थानों पर सुबह के समय धुंध भी बन रही है जिससे दृश्यता में कमी आ रही है। हालांकि अभी कोहरा छाने जैसी स्थिति नहीं बन रही है। कोहरे की संभावना न्यूनतम तापमान के 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे जाने पर बनती है जो इस महीने के अंत तक पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में पहुँच सकता है। फिलहाल वर्तमान मौसम स्वस्थ्य के लिए कभी-कभी प्रतिकूल भूमिका निभाता है और ऐसे में सर्दी, ज़ुकाम और वायरल फीवर होने की संभावना रहती है। इसलिए हमारा सुझाव है कि कृपया अपना ख्याल रखते हुए मौसम का लुत्फ उठाएँ।
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