दिल्ली में इस मॉनसून सीज़न लंबे अंतराल के बाद भारी बारिश बृहस्पतिवार की सुबह हुई। इस बारिश ने पहले से ही काँवड़ यात्रा के चलते थम सी गई दिल्ली की रफ्तार में पूरी तरह से ब्रेक लगा दी। सावन माह शुरू होते ही बाहरी दिल्ली के प्रमुख रास्तों पर यातायात में बदलाव किया जाता है, जिसका असर दिल्ली और इससे सटे सभी शहरों में देखने को मिलता है।
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गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर एक तरफ का रास्ता कांवड़ियों के लिए सुरक्षित कर दिया जाता है। इसके चलते एनएच 58 से जाने वाले वाहन एनएच 24 से होकर गुज़रते हैं जिससे गाज़ियाबाद, नोएडा सहित दिल्ली में भी यातायात में भारी जाम की समस्या से लोगों को दो-चार होना पड़ता है।
स्काइमेट ने दिल्ली में 19 जुलाई से बारिश का अनुमान पहले ही बताया था। इस बीच कल दोपहर बाद से दिल्ली के कुछ हिस्सों में बादलों का प्रभाव बढ़ा था और शाम के समय दक्षिण और पश्चिमी दिल्ली में हल्की से मध्यम बारिश रिकॉर्ड की गई थी। राजधानी और इससे सटे शहरों नोएडा, गुरुग्राम, फ़रीदाबाद और गाजियाबाद में 20 जुलाई की सुबह मूसलाधार वर्षा हुई।
पहले से ही काँवड़ यात्रा के चलते दिल्ली का यातायात प्रभावित हुआ था, उस पर आज हुई मूसलाधार मॉनसून वर्षा ने राजधानी के लोगों को घंटों सड़कों पर खड़ा रहने के लिए मजबूर कर दिया। दिल्ली के पूर्वी हिस्सों और इससे सटे नोएडा तथा गाज़ियाबाद में सुबह के समय लगभग सभी भागों में भीषण बारिश हुई।
दिल्ली-एनएच 24, दिल्ली-गुड़गाँव, रिंग रोड, आईएसबीटी मोरी गेट, नोएडा एक्सप्रेस वे-डीएनडी, मथुरा रोड और बाहरी रिंग रोड पर यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। आज दिल्ली और आसपास के सभी शहरों में बारिश के बाद सबसे अधिक प्रभावित दफ्तर, स्कूल और अन्य स्थानों पर अपने गंतव्य तक पहुँचने वाले लोग हुए हैं।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मॉनसून की अक्षीय रेखा पंजाब से बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। यह दिल्ली के करीब से गुज़र रही है। इसके अलावा मध्य पाकिस्तान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है जिसके चलते दिल्ली और आसपास के हिस्सों में मॉनसून व्यापक रूप में सक्रिय हुआ। अनुमानों के अनुसार दिल्ली और आसपास के हिस्सों में 23 जुलाई तक मौसम का मिजाज़ ऐसा ही बना रहेगा और रुक-रुक कर बारिश की गतिविधियां देखने को मिलेंगी।
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