राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वर्ष 2006 के बाद नवंबर में इस तरह से तापमान में बड़ी गिरावट हुई है। 20 नवंबर को तापमान गिरते हुए 7.5 डिग्री के स्तर पर रिकॉर्ड किया गया। इससे पहले वर्ष 2006 में 29 नवंबर को सीजन का सबसे कम तापमान 7.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। इसके अलावा तापमान में इस तरह की गिरावट 2009 और 2017 में भी हुई थी। 2009 में 28 नवंबर को 7.9 डिग्री जबकि 2017 में 24 नवंबर को 7.6 डिग्री पारा रिकॉर्ड किया गया था। नवंबर महीने में सबसे कम तापमान दिल्ली के मौसम के मौजूद इतिहास में 28 नवंबर 1938 को दर्ज किया गया था, जब तापमान गिरते हुए 3.9 डिग्री के स्तर पर पहुंच गया था।
20 नवंबर, 2020 को दर्ज किया गया 7.5 डिग्री सेल्सियस तापमान औसत से 5 डिग्री कम रहा। इसके चलते दिल्ली और एनसीआर के कुछ शहरों में शीतलहर जैसी स्थितियां बन गईं। आमतौर पर दिल्ली में 10 डिग्री से नीचे तापमान दिसंबर के पहले सप्ताह में देखने को मिलता है। बीते 2 वर्षों में यानी 2018 और 2019 में दिल्ली के सफदरजंग मौसम केंद्र पर नवंबर महीने में सबसे कम तापमान 10 डिग्री से नीचे नहीं पहुंचा था। 2018 में नवंबर महीने का सबसे कम तापमान 10.5 डिग्री और 2019 में 11.4 डिग्री रहा था।
उत्तर भारत में जम्मू कश्मीर के पास बने पश्चिमी विक्षोभ के आगे जाने की वजह से ठंडी उत्तर पश्चिमी हवाएं दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में पहुँचीं और तापमान में इस तरह की गिरावट हुई। आज भी ऐसी स्थितियां बनी रहेंगी और तापमान सामान्य से नीचे रहेगा। आज भी न्यूनतम तापमान 7 से 8 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड किया जा सकता है और संभवत 2006 के 7.3 डिग्री सेल्सियस के तापमान को पीछे छोड़ सकता है।
इस बीच एक नया पश्चिमी विक्षोभ कल यानी 22 नवंबर को उत्तर भारत के पहाड़ों पर दस्तक देगा, जो लगभग 25 नवंबर तक सक्रिय रहेगा और पर्वतीय राज्यों में मौसम को प्रभावित करता रहेगा। इसके चलते दिल्ली एनसीआर में आने वाली ठंडी हवाएं रुक जाएंगी और तापमान फिर से बढ़ना शुरू होगा। संभवत 10 डिग्री से ऊपर पहुंच सकता है। फिर से सर्द हवाओं का प्रभाव 27 नवंबर के बाद से दिखेगा और तापमान में दोबारा गिरावट दर्ज की जाएगी
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