राजधानी दिल्ली से लेकर चंडीगढ़, अंबाला, रोहतक और अमृतसर तक सितंबर की शुरुआत में हुई बारिश के बाद से मौसम शुष्क है। मॉनसून अपने आखिरी चरण में सितंबर के मध्य तक उत्तर भारत से मॉनसूनी हवाएँ आमतौर पर विदा हो जाती हैं। इससे पहले इन भागों को मॉनसून भिगो सकता है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तरी राजस्थान में अगले 24 से 48 घंटों के दौरान हल्की वर्षा होने की संभावना है।
इस समय उत्तर भारत में जम्मू कश्मीर के पास एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। इसके अलावा पाकिस्तान के मध्य भागों पर एक चक्रवाती सिस्टम दिखाई दे रहा है। इन दोनों सिस्टमों के चलते हिमालय के तराई क्षेत्रों में बनी मॉनसून की अक्षीय रेखा दक्षिण की तरफ यानि मैदानी भागों की तरफ आ सकती है। कह सकते हैं कि इसका पश्चिमी सिरा अगले 48 घंटों के दौरान उत्तर भारत के मैदानी भागों में सक्रिय रहेगा।
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स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मौसमी सिस्टम में इस बदलाव के चलते उत्तरी पंजाब विशेषकर अमृतसर, पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर और जालंधर में अगले 48 घंटों तक कुछ स्थानों पर गरज के साथ बौछारें गिरने की संभावना है। इसी तरह चंडीगढ़, हिसार, रोहतक और अंबाला सहित हरियाणा में भी कहीं-कहीं हल्की तो एक-दो स्थानों पर मध्यम वर्षा हो सकती है। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
उत्तर भारत से मॉनसून वापस लौट जाये इससे पहले दिल्ली वालों को अच्छी बारिश के एक दौर की प्रतीक्षा है। इस क्रम में आपको बता दें कि अगले 2 दिनों के लिए मैदानी भागों में आने वाले इस मौसमी बदलाव से दिल्ली भी प्रभावित होगी और राजधानी के कुछ इलाकों में अगले 24 से 48 घंटों के दौरान कहीं गरज के साथ हल्की बारिश हो सकती है। उत्तरी राजस्थान, विशेषकर श्रीगंगानगर और आसपास के भागों में इस दौरान हल्की वर्षा देखने को मिल सकती है।
उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में इस समय उत्तर-पश्चिमी हवाएँ चल रही हैं। यह हवाएँ शुष्क हैं जिसके चलते उमस कम हो गई है। तापमान में वृद्धि हुई है लेकिन शीतल हवाओं के चलते दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तरी राजस्थान तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सुबह व रात में खुशनुमा मौसम का आगमन हो गया है। अगले दो दिनों के दौरान बादल छाए रहेंगे और हल्की वर्षा के बाद 8 सितंबर से मौसम लगभग पूरी तरह से साफ हो जाएगा।
Image credit: Hindustan Times
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