दिल्ली में एक बार फिर से भीषण गर्मी और लू का प्रकोप सोमवार यानि 10 मई को नए स्तर पर पहुंच गई। पालम ऑब्जर्वेटरी द्वारा दिन का अधिकतम तापमान 48 डिग्री दर्ज किया गया जो कि इस सीजन का सबसे अधिकतम तापमान है। वहीं सफदरगंज ने 45.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया, जो कि पिछले दस सालों के रेकॉर्डों को तोड़ दिया है।
चिलचिलाती धुप और गर्म हवा के थपेड़ों ने लोगों का घर से निकलना तक मुश्किल कर दिया है। 23 मई के आसपास हुए बारिश के बाद अब तक दिल्ली और उससे सटे आसपास के क्षेत्रों में लंबे समय से मौसम शुष्क और बेहद गर्म बना हुआ है। पिछले कुछ दिनों से किसी भी महत्वपूर्ण मौसम प्रणाली नहीं होने के कारण, राजधानी दिल्ली में गर्म और शुष्क हवाएँ चल रही थीं। जिसके कारण यहां के तापमान में लगातार उछाल रिकॉर्ड किया जा रहा है।
बता दें कि, इस सीजन का अब तक का अधिकतम तापमान 31 मई को सफदरजंग द्वारा 44.8 डिग्री सेल्सियस और 30 मई को पालम द्वारा 46.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
वास्तव में, पिछले 2 सप्ताह से स्थिति ऐसी बनी हुई है कि, दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद और गाजियाबाद का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर जा रहा है। जिसकी वजह से राजधानी समेत आसपास के अधिकांश स्थानों पर लू जैसी स्थिति पैदा हो गयी है।
9 जून यानि रविवार को पालम और अयानगर ने अपना अधिकतम तापमान 46.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया।जबकि रिज में 44.9 डिग्री और सफदरजंग द्वारा 43.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया ।
अगले 24 घंटों में राहत की उम्मीद
स्काइमेट के अनुसार, अगले 24 घंटों के दौरान कुछ राहत की उम्मीद है। मतलब, 11 जून को देर दोपहर या शाम के दौरान दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद और गाजियाबाद के कुछ हिस्सों में गरज के साथ धूल भरी आंधी देखी जायेगी। हालांकि, मध्याह्न के पहले का समय (फोरेनून) गर्म ही रहेगा।
स्काईमेट के अनुसार, संभावित चक्रवाती तूफान वायु इस समय दक्षिण-पूर्वी और पूर्वी-मध्य अरब सागर में एक डीप डिप्रेशन के रूप में दिख रहा है। इसके, 11 जून तक एक चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। जैसा- जैसे सिस्टम उत्तर-उत्तर पश्चिमी दिशा की ओर बढ़ेगा, यह धीरे-धीरे उत्तर-पश्चिमी मैदानों के हवा पैटर्न पर भी असर डालना शुरू कर देगा।
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मौसम जानकारों के मुताबिक, कल तक एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय तक पहुंच जाएगा और इस प्रणाली के कारण मध्य पाकिस्तान और उससे सटे पश्चिमी राजस्थान के हिस्सों में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित होगा। इस मौसमी सिस्टम के कारण यहां प्री-मॉनसून गतिविधियां होने की संभावना है।
इसके अलावा, आने वाले दो-तीन दिनों तक दिल्ली और एनसीआर के कुछ हिस्सों में धूल भरी आंधी, गरज और तेज़ हवाओं के साथ बारिश की उम्मीद है। भले ही, इन मौसम की गतिविधियों की तीव्रता ज्यादा नहीं होगी लेकिन चल रही भीषण गर्मी और लू से थोड़ी राहत मिल सकती है। साथ ही, तापमान में भी मामूली गिरावट की उम्मीद है।
Image credit: Quartz
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