[Hindi] दिल्ली और आसपास के भागों में आज भी आँधी के साथ वर्षा के आसार

April 23, 2017 3:30 PM | Skymet Weather Team

दिल्ली और आसपास के भागों में शनिवार को धूलभरी आँधी और बादलों की गर्जना के साथ कहीं-कहीं बारिश दर्ज की गई। ऐसी ही गतिविधियां राजधानी में आज भी संभावित हैं। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर भारत के मैदानी राज्यों पर हवाओं में एक चक्रवाती सिस्टम बना हुआ है। इस सिस्टम से एक ट्रफ रेखा पूर्वोत्तर में अरुणाचल प्रदेश तक पहुँच रही है।

इन मौसमी सिस्टमों के प्रभाव से आज शाम के समय दिल्ली और इसके आसपास के शहरों नोएडा, फ़रीदाबाद, गाज़ियाबाद में दोपहर के बाद या शाम के समय धूल उड़ाती तेज़ हवाएँ चलने और बादलों की गर्जना के साथ कुछ स्थानों पर बूँदाबाँदी होने की संभावना है। कहीं-कहीं वर्षा भी हो सकती है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तथा इससे सटे हिस्सों में कहीं-कहीं ओलावृष्टि की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता।

दिल्ली में आज नगर निगम के लिए मतदान हो रहा है। अच्छी खबर यह है कि जब तक मौसम सक्रियता दिखाएगा मतदान अपने आखिरी चरण में पहुँच चुका होगा। लेकिन दिल्ली वालों को सुझाव है कि आपके वोट देने की प्रक्रिया में मौसम किसी तरह की बाधा पहुंचाए इससे पहले आप अपने घरों से निकलें और अपने मताधिकार का प्रयोग कर एक जिम्मेदार नागरिक होने का गौरव महसूस करें।

शनिवार को दिल्ली और आसपास के हिस्सों में आँधी और गरज के साथ बूँदाबाँदी की गतिविधियां देखने को मिलीं। दिल्ली से सटे फ़रीदाबाद में कुछ समय के लिए तेज़ हवाओं के साथ बारिश का झोंका आया। जिससे ना सिर्फ अच्छी वर्षा दर्ज की गई बल्कि ओलावृष्टि भी देखने को मिली। इसी तरह उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में भी कहीं-कहीं ओलावृष्टि हुई है। बारिश के चलते तापमान में कुछ गिरावट दर्ज की गई है।

इससे पहले कल राजधानी दिल्ली और आसपास के हिस्सों में सुबह से ही बादल दिखाई दे रहे थे और हवाएँ चल रही थीं जिससे दिन की भीषण गर्मी से कल भी राहत मिली थी। शाम के समय लगभग 4 बजे से शुरू हुई गतिविधियां कहीं-कहीं 6 बजे तक भी जारी रहीं। इस दौरान कहीं धूलभरी आँधी चली तो कहीं बादलों की गर्जना के साथ बूँदाबाँदी देखने को मिली। इन गतिविधियों के चलते रात में मौसम सुहावना हो गया था।

दिल्ली के सफदरजंग में कल अधिकतम तापमान 39.2 डिग्री सेल्सियस रहा जबकि पालम मौसम केंद्र ने 40.4 डिग्री सेल्सियस पारा रिकॉर्ड किया। गौरतलब है कि यह गतिविधियां प्री-मॉनसून बारिश या प्री-मॉनसूनी गतिविधियां हैं। इस दौरान आमतौर पर दोपहर या शाम के समय बादलों का प्रभाव बढ़ता है और गरज तथा धूलभरी आँधी के बाद कहीं-कहीं वर्षा दर्ज की जाती है।

Image credit: The Hindu

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