शुष्क हवाओं और तेज़ धूप के चलते बीते कुछ दिनों से दिल्ली में पारा रिकॉर्ड तोड़ते हुए 47 डिग्री के स्तर तक रिकॉर्ड किया जा चुका है। जिससे दिल्ली और आसपास के शहरों में लोग दिन के समय घर से बाहर निकलने में घबरा रहे हैं। हालांकि विगत 24 घंटों में हवा के रूख में आए बदलाव से तापमान में कुछ गिरावट दर्ज की गई है।
नम पूर्वी हवाओं के चलते दिल्ली और आसपास के भागों के वातावरण में आर्द्रता बढ़ गई है। अधिक तापमान के साथ ऊंची आर्द्रता की जुगलबंदी के चलते दिल्ली और आसपास के भागों में अगले 2 दिनों के दौरान धूलभरी आँधी चलने और बादलों की गर्जना होने की संभावना है। पूर्वी नम हवा का प्रवाह बने रहने से इस सप्ताह के आखिर तक रात के समय भी मौसम अपेक्षाकृत सहज रहेगा।
राजधानी में इस वर्ष सामान्य से अधिक गर्मी के चलते अब तक 300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। दिल्ली के पालम में 46.4 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान के साथ 18 मई को दिन सबसे अधिक गर्म रहा।
दिल्ली में मौसम और कहर ढाने वाला है क्योंकि राजस्थान के फलोदी में कल पारा 51 डिग्री सेल्सियस तक चला गया, जो राज्य और देश दोनों के इतिहास में अब तक का सबसे अधिक तापमान है। पाकिस्तान और राजस्थान के रास्ते दिल्ली तक आने वाली हवाओं के कारण यहाँ मौसम कहर बरपा रहा है क्योंकि इन दोनों इलाकों में पारा 50 डिग्री के आसपास या उससे अधिक दर्ज किया जा रहा है।
राष्ट्रीय राजधानी में बीते 24 घंटों से दिल्ली में पश्चिमी हवाओं का प्रवाह बंद हुआ है और दक्षिण-पूर्वी हवाएँ चलना शुरू हुई हैं जिससे तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है। खाड़ी में बने चक्रवाती तूफान रोआनू के चलते तेज़ पूर्वी हवाओं का प्रवाह पूर्वी और मध्य भारत के अलावा उत्तर भारत में भी पहुँच रहा है। हालांकि स्काइमेट के मौसम विज्ञान विभाग के प्रमुख महेश पालावत का कहना है कि चक्रवात जैसे ही आगे बढ़ेगा और निष्क्रिय हो जाएगा दिल्ली और आसपास के शहरों सहित उत्तर भारत के भागों में पश्चिम हवाओं का प्रवाह फिर से बढ़ जाएगा।
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Image credit: The Hindu