किसी ज़माने में दिल्ली की सर्दी की चर्चा होती थी लेकिन अब जलवायु परिवर्तन और बढ़ते आधुनिकीकरण के कारण दिल्ली का प्रदूषण चर्चा का विषय बनता है। प्रदूषण के क्या-क्या कारण होते हैं, यह हम अपने हर एक लेख में बताते हैं। फिलहाल आज बात करते हैं कि वर्तमान स्थिति क्या है और आने वाले दिनों में दिल्ली-एनसीआर का प्रदूषण किस स्तर पर पहुँच सकता है।
बृहस्पतिवार को सुबह के समय उत्तर-पश्चिमी हवा का रुख रहा जिससे प्रदूषण के स्तर में काफी कमी देखने को मिली। बुधवार की सुबह के समय हवा में मौजूद पीएम 2.5 और पीएम 10 जहां 400 के आसपास बने हुए थे वहीं बृहस्पतिवार को यह गिरकर 300 के आसपास आ गया। लोधी रोड में पीएम 2.5 का स्तर 289 तक और पीएम 10 का स्तर 171 तक रिकॉर्ड किया गया। इसे व्यापक सुधार माना जा रहा है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के शहरों में अगले एक सप्ताह तक इसी तरह उत्तर-पश्चिम दिशा से हवाएँ चलती रहेंगी जिससे सर्दी में भी क्रमशः बढ़ोत्तरी होगी और प्रदूषण में कमी जारी रहेगी। इस समय एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर के पास है। यह कमजोर है और अब पूर्व में निकल जाएगा। इसके बाद माना जा रहा है कि 28 नवंबर तक कोई प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में नहीं आएगा जिससे दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में आ रही ठंडी उत्तर-पश्चिमी हवाओं की रफ्तार और दिशा में कोई बाधा नहीं आएगी।
दिल्ली में पिछले 24 घंटों के दौरान न्यूनतम तापमान 11.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। दिन में भी पारा 28.2 डिग्री के आसपास चल रहा है। वर्तमान मौसमी परिदृश्य के बीच अगले एक सप्ताह तक दिन और रात के तापमान में हल्की गिरावट जारी रहेगी। प्रदूषण की स्थिति में सुधार होता रहेगा। मौसम शुष्क बना रहेगा। बादल भी नहीं छएंगे जिससे दिन में खिली धूप दिन के मौसम को खुशनुमा बनाएगी।
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