जैसे-जैसे फसल का मौसम आता है, उत्तर प्रदेश राज्य में किसान अपने साल भर की मेहनत को ठीक करने के लिए सही मौसम का इंतज़ार करते हैं। लेकिन मौसम की स्थिति बहुत अनुकूल नहीं लगती है।
मार्च का महीना भारतीय मुख्यभूमि में ठंड से लेकर गर्म मौसम तक का एक संक्रमण काल होता है, जिसमें विशेष रूप से उत्तर प्रदेश राज्य में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पाहुच जाता है।
इस वर्ष मार्च का महीना थोदिखाई ड़ा ठंडा रहा क्यूंकी तापमान अधिकतर समय सामान्य तापमान से नीचे बना रहा। बहुत कम मौकों पर तापमान 40 डिग्री तक पहुंचता दिखाई दिया।
इस समय, अनाज के पूरी तरह पकने से पहले, फसल को कम से कम 7 से 10 दिनों के लिए धूप और गर्मी की जरूरत होती है।
कल ही एक पश्चिमी विक्षोभ ने पहाड़ियों पर बारिश दी है। जिसकी प्रेरित प्रणाली ने उत्तरी मैदानों में हल्की बारिश दी है। वही प्रणाली अब पूर्व की ओर बढ़ रही है और आज लगभग पूरे उत्तर प्रदेश को कवर करने की संभावना है। अगले दो दिनों तक इलाहाबाद, लखनऊ और बरेली जैसे प्रमुख शहरों में हल्की बारिश होने का अनुमान है। इससे कम से कम अगले 3 दिनों तक तापमान में गिरावट आएगी। बारिश तीव्रता में भारी नहीं होगी, लेकिन अभी कटाई में देरी होना तय है।
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